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12 घंटे अस्पताल में रखा रहा मृतका का शव, दूसरे दिन पैनल का कहकर ट्रैक्टर से जिला अस्पताल भेजा शव

locationअशोकनगरPublished: May 17, 2019 11:11:48 am

Submitted by:

Arvind jain

मरियाडांग हत्याकांड का मामला,- अस्पताल और पुलिस ने उपलब्ध नहीं कराया शव वाहन, तो मृतका के परिजन ट्रैक्टर-ट्राली में शव रखकर पहुंचे जिला अस्पताल।

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12 घंटे अस्पताल में रखा रहा मृतका का शव, दूसरे दिन पैनल का कहकर ट्रैक्टर से जिला अस्पताल भेजा शव

अशोकनगर. पत्थर मारकर हुई महिला की हत्या के मामले में जिम्मेदारों की अमानवीयता भी देखने को मिली। लगातार 12 घंटे तक शव को अस्पताल में रखने के बाद डॉक्टर ने पैनल से पीएम कराने की बात कहकर शव जिला अस्पताल ले जाने के लिए कह दिया। लेकिन न तो अस्पताल ने शव वाहन उपलब्ध कराया और न हीं पुलिस ने। इससे मृतका के परिजन गांव में घर-घर वाहन के लिए भटकते रहे और गांव के एक व्यक्ति से ट्रैक्टर-ट्राली मांगकर लाए और उसमें शव को रखकर पीएम कराने जिला अस्पताल पहुंचे।

बुधवार को दोपहर के समय उमरियाडांग निवासी 45 वर्षीय रतनबाई पत्नी हनुमंतसिंह कुशवाह की गांव के ही 20 वर्षीय युवक कल्ला कुशवाह ने पत्थर से सिर कुचलकर हत्या कर दी। पुलिस ने कल्ला कुशवाह के खिलाफ हत्या का प्रकरण दर्ज कर लिया है। शाढ़ौरा थाना प्रभारी राजेंद्रसिंह छारी ने शव को उठवाकर गांव के ट्रैक्टर-ट्राली से शाढ़ौरा अस्पताल भिजवाया।

 

इससे लगातार 12 घंटे तक शव शाढ़ौरा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में पीएम के लिए रखा रहा, लेकिन दूसरे दिन डॉक्टर ने शव को पीएम के लिए जिला अस्पताल ले जाने के लिए कह दिया। इससे मृतका के परिजनों को शव ले जाने के लिए फिर से ट्रैक्टर-ट्राली मांगकर लाना पड़े और उसमें रखकर जिला अस्पताल लेकर पहुंचे। जहां डॉक्टरों के पैनल ने मृतका का पोस्टमार्टम किया। डॉक्टरों के अनुसार मृतका के सिर में चोट है और सिर की हड्डी भी टूटी मिली।

 


लोगों ने कहा डॉक्टरों का पैनल भी तो पहुंच सकता था शाढ़ौरा-
मृतका के शव को परिजनों द्वारा ट्रैक्टर-ट्राली से रखकर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र से जिला अस्पताल तक ले जाने के मामले को शहरवासियों ने जिम्मेदारों की अमानवीयता बताया है। भाजपा नेता नीरज मानोरिया का कहना है कि जब डॉक्टरों का पैनल पीएम करने के लिए मुंगावली तक जा सकता है तो 15 किमी दूर शाढ़ौरा तक नहीं जा सकता था क्या।

 

उनका कहना है कि मृतका गरीब परिवार की थी, इसलिए पुलिस और डॉक्टरों ने मामले को हल्के में लिया। नीरज मानोरिया का कहना है कि इस मामले में शाढ़ौरा थाना प्रभारी और शाढ़ौरा के डॉक्टर भदौरिया की शिकायत कर उच्च स्तरीय जांच की मांग की जाएगी।

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