scriptयहां बुनकरों के घर पहुंची राज्यपाल, हथकरघा पर देखी साड़ी तैयार होने व डिजाइनें बनाने की कला | The governor said The name of Chanderi Sari is popular throughout | Patrika News

यहां बुनकरों के घर पहुंची राज्यपाल, हथकरघा पर देखी साड़ी तैयार होने व डिजाइनें बनाने की कला

locationअशोकनगरPublished: May 01, 2019 10:29:23 pm

Submitted by:

Manoj vishwakarma

बुनकरों से कहा-आप लोगों की मेहनत से ही चंदेरी साड़ी का नाम विश्वभर में हुआ प्रसिद्ध

patrika news

यहां बुनकरों के घर पहुंची राज्यपाल, हथकरघा पर देखी साड़ी तैयार होने व डिजाइनें बनाने की कला

अशोकनगर/चंदेरी. प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने चंदेरी पहुंचकर बुनकरों के बीच श्रमिक दिवस बीच मनाया। इस दौरान राज्यपाल पांच बुनकरों के घरों पर पहुंचीं और प्रत्येक बुनकर के घर करीब 40 मिनिट से एक घंटे तक रुकीं। जहां उन्होंने हथकरघों पर चंदेरी साड़ी बनाने की प्रक्रिया और उसमें बनाई जाने वाली डिजाईन को देखा। साथ ही बुनकरों की तारीफ की और कहा कि आप लोगों की मेहनत और कला की वजह से ही आज चंदेरी का नाम देश और विश्व में प्रसिद्ध हुआ है।
राज्यपाल बुधवार को हेलीकॉप्टर से सुबह करीब 9 बजे चंदेरी पहुंची। जहां वह राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित तुलसीराम कोली, राष्ट्रीय और राज्य सम्मान से सम्मानित दिलसाद अंसारी और इख्तेसार अंसारी के घर पहुंची। इसके बाद करीब तीन किमी दूर प्राणपुर स्थित पृथ्वीराज कोली और हुकुम कोली के घर भी पहुंची। जहां उन्होंने हथकरघे पर ही पहुंचकर साड़ी बनने की प्रक्रिया को देखा और चंदेरी साड़ी में इस्तेमाल होने वाली सामग्री और डिजाइन बनाने वाले उपकरण को भी देखा। हथकरघा उद्योग के सहायक संचालक सुरेश शाक्यवार ने राज्यपाल को चंदेरी साड़ी की विस्तृत जानकारी दी और बताया कि पहले हस्तकला द्वारा हथकरघा पर पहले साड़ी बनाई जाती थी, लेकिन अब साडिय़ों के साथ सलवार सूट, दुपट्टा, स्टाल, पर्दे, टेबल कवर काभी निर्माण किया जा रहा है।
साढ़े तीन बजे तक रुकीं राज्यपाल

निर्धारित कार्यक्रम के तहत राज्यपाल को सुबह साढ़े आठ बजे से दोपहर 12 बजे तक चंदेरी में भ्रमण का कार्यक्रम था, जो सुबह 9 बजे चंदेरी पहुंचीं और दोपहर साढ़े तीन बजे तक रुकीं। राज्यपाल ने बुनकरों के विकास के ट्रेनिंग एवं डिजाइनिंग के संबंध में जानकारी भेजने को कहा।
परिजनों से पूछा-आप कैसे करते हैं मदद

राज्यपाल ने बुनकरों के परिवारजनों से पूछा कि साड़ी बनाने में आप लोगों द्वारा किस तरह की मदद की जाती है। इस पर बुनकरों के परिजनों ने कहा कि वह हथकरघा में धागा लगवाने में मदद करते हैं, साथ ही काम के दौरान जब किसी सामान की जरूरत पड़ती है तो वह तुरंत ही उन्हें उपलब्ध कराते हैं। वहीं राज्यपाल के परिवार के सदस्यों ने चंदेरी के पर्यटक स्थलों का भ्रमण किया। इस दौरान उन्होंने किला कोठी, नौखंडा महल, बैजू बावरा की समाधि और जौहर स्मारक को देखा।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो