संवारा विधवा का जीवन, 60 की उम्र में लिए फेरे
संवारा विधवा का जीवन, 60 की उम्र में लिए फेरे

अशोकनगर. जिला मुख्यालय से करीब ९ किमी दूर पिपनावदा गांव के पूरन अहिरवार (६०) ने पहले तो विधवा प्रेमबाई(५०) के तीन बच्चों की शादी की, यह अनोखा विवाह सोमवार की रात प्रेमबाई की मां व बच्चों सहित रिश्तेदारों एवं गांव वालों के सामने संपन्न हुआ। पूरन की खुशी में पूरा गांव शामिल हुआ था। सभी ने वर-वधु को अपना आशीर्वाद व शुभकामनाएं भी दीं।
पूरन अब तक कुआंरे ही थे। उन्होंने बताया कि करीब १८ साल पहले प्रेमबाई निवासी ग्राम ढिपुआ जिला सागर के पति उमराव अहिरवार निवासी खुरई की मौत हो गई थी। उसके दो-ढाई साल बाद प्रेमबाई की बड़ी बहन व उसके पति मोहन से उनकी बात हुई थी। तब उन्होंने प्रेमबाई से विवाह का प्रस्ताव रखा था। लेकिन दोनों को एक-दूसरे का साथ १६ साल बाद मिला। हालांकि इस बीच प्रेमबाई व उनके बच्चों की जिम्मेदारी भी पूरन ने ही उठाई।
पहले बच्चों की शादी की
पहले पति से प्रेमबाई के तीन बच्चे थे। दो लड़कियां व एक लड़का, उनकी शादी भी पूरन ने ही करवाई। तीनों बच्चों की शादी के बाद जब वे सारी जिम्मेदारी से मुक्त हो गईं तो ग्रामीणों ने पूरन पर शादी के लिए दवाब डाला। इसके बाद दोनों ने परिवार व गांव वालों के बीच सात फेरे लिए।
'समाज सेवा ही सबसे बड़ी सेवा
समाज सेवा सबसे बड़ी सेवा है और ऐसे समाज सेवकों का सम्मान होना गौरव की बात है। जिला रेडक्रॉस सोसायटी के अध्यक्ष व कलेक्टर बीएस जामोद ने यह बात कही। रघुवंशी धर्मशाला में मंगलवार को रेडक्रॉस सप्ताह के समापन का आयोजन किया गया।
इसमें रक्तदाताओं के साथ, मानव सेवा, जल संरक्षण, स्व'छता तथा जिले के प्रतिभाशाली ब"ाों का सम्मान किया गया। साथ ही कलेक्टर ने कहा कि समाज सेवा का कार्य निरंतर करते हुए जिले का नाम पूरे देश में रोशन करें। वहीं उन्होंने जल संवर्धन एवं जल संरक्षण पर कार्य करने पर जोर दिया। एसपी तिलकसिंह ने कार्यक्रम को संबोधित किया। इस मौके पर रेडक्रॉस सोसायटी के चेयरमेन डॉ.दीपक मिश्रा उपस्थित थे।
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