scriptछह घंटे तड़पती घूमती रही प्रसूता और डॉक्टर यहां से वहां करते रहे रैफर, प्रसूता और शिशु की मौत | The negligence of the responsible people again took life | Patrika News

छह घंटे तड़पती घूमती रही प्रसूता और डॉक्टर यहां से वहां करते रहे रैफर, प्रसूता और शिशु की मौत

locationअशोकनगरPublished: Feb 27, 2019 04:28:10 pm

Submitted by:

Arvind jain

जिम्मेदारों की लापरवाही ने फिर ले लीं दो की जान, परिजनों का सुबह ही बाहर आ गया था अजन्मे शिशु की हाथ, लेकिन प्रसव कराने का प्रयास तक नहीं किया…

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छह घंटे तड़पती घूमती रही प्रसूता और डॉक्टर यहां से वहां करते रहे रैफर, प्रसूता और शिशु की मौत

अशोकनगर. शासन भले ही प्रसूता महिलाओं के स्वास्थ्य के लिए सजग रहने के दावे करता हो, लेकिन हकीकत में यह दावे कागजी बनकर रह गए हैं। प्रसव पीड़ा के साथ सुबह ही अजन्मे शिशु का हाथ बाहर निकल आया, लेकिन प्रसव या ऑपरेशन करने की वजाय लगातार छह घंटे तक यहां से वहां रैफर करते रहे और प्रसव कराने का प्रयास तक नहीं किया। नतीजतन छह धंटे तक प्रसव पीड़ा से तड़पने के बाद प्रसूता ने दम तोड़ दिया तो कुछ देर बाद पेट में भी अजन्मे शिशु ने भी दम तोड़ दिया। इससे मृतका के परिजनों ने डॉक्टरों पर लापरवाही के आरोप लगाए हैं और दोनों मौतों के लिए अस्पताल के स्टाफ को जिम्मेदार बताया है।

नईसराय के भैंसा गांव निवासी 24 वर्षीय रामवती पत्नी विनोद आदिवासी को प्रसव पीड़ा हुई। सास मचला और जेठ मनोज आदिवासी का कहना है कि जब वह प्रसव के लिए रामवती को लेकर सुबह आठ बजे नईसराय पहुंचे तो वहां से बिना किसी इलाज या प्रसव कराने का प्रयास किए बिना सीधे ही जिला अस्पताल के लिए रैफर कर दिया। परिजन उसे जिला अस्पताल लेकर पहुंचे तो जिला अस्पताल में भी डॉक्टरों व नर्सों ने प्रसव कराने का प्रयास नहीं किया।

उनका आरोप है कि पहले तो सीधे ही खून की व्यवस्था करने की बात कही, लेकिन जब परिसर और शहर के समाजसेवी रक्तदान करने तैयार हो गए तो कह बड़ी डॉक्टर न होने की बात कहकर भोपाल के लिए रैफर कर दिया। मृतका की सास का आरोप है कि वह डॉक्टरों और नर्सों के सामने गिड़गिड़ाती रही और बहू का प्रसव कराने के लिए हाथ जोड़ती रही, लेकिन उन्होंने मानवता दिखाने की वजाय भोपाल जाने के लिए कह दिया। भोपाल ले जाते समय प्रसूता और उसके अजन्मे शिशु की मौत हो गई।

शहरवासी बोले अस्पताल की लापरवाही से हुई मौत-
शहर के मनीष रघुवंशी ने बताया कि जब हमें जानकारी मिली तो हम कई लोग वहां पर रक्तदान करने पहुंचे, लेकिन उन्होंने रक्त लेने से मना कर दिया। अंदर जाकर देखा तो तीनों नर्सें मोबाइल पर गेम खेल रही थीं और उन्होंने पहले तो रक्त की व्यवस्था करने की बात कही, और फिर बड़ी डॉक्टर न होने की बात कहकर मना कर दिया। लोगों का कहना है कि अस्पताल के जिम्मेदारों की लापरवाही से प्रसूता और उसके अजन्मे शिशु की मौत हुई है।

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