नईसराय के भैंसा गांव निवासी 24 वर्षीय रामवती पत्नी विनोद आदिवासी को प्रसव पीड़ा हुई। सास मचला और जेठ मनोज आदिवासी का कहना है कि जब वह प्रसव के लिए रामवती को लेकर सुबह आठ बजे नईसराय पहुंचे तो वहां से बिना किसी इलाज या प्रसव कराने का प्रयास किए बिना सीधे ही जिला अस्पताल के लिए रैफर कर दिया। परिजन उसे जिला अस्पताल लेकर पहुंचे तो जिला अस्पताल में भी डॉक्टरों व नर्सों ने प्रसव कराने का प्रयास नहीं किया।
उनका आरोप है कि पहले तो सीधे ही खून की व्यवस्था करने की बात कही, लेकिन जब परिसर और शहर के समाजसेवी रक्तदान करने तैयार हो गए तो कह बड़ी डॉक्टर न होने की बात कहकर भोपाल के लिए रैफर कर दिया। मृतका की सास का आरोप है कि वह डॉक्टरों और नर्सों के सामने गिड़गिड़ाती रही और बहू का प्रसव कराने के लिए हाथ जोड़ती रही, लेकिन उन्होंने मानवता दिखाने की वजाय भोपाल जाने के लिए कह दिया। भोपाल ले जाते समय प्रसूता और उसके अजन्मे शिशु की मौत हो गई।
शहरवासी बोले अस्पताल की लापरवाही से हुई मौत-
शहर के मनीष रघुवंशी ने बताया कि जब हमें जानकारी मिली तो हम कई लोग वहां पर रक्तदान करने पहुंचे, लेकिन उन्होंने रक्त लेने से मना कर दिया। अंदर जाकर देखा तो तीनों नर्सें मोबाइल पर गेम खेल रही थीं और उन्होंने पहले तो रक्त की व्यवस्था करने की बात कही, और फिर बड़ी डॉक्टर न होने की बात कहकर मना कर दिया। लोगों का कहना है कि अस्पताल के जिम्मेदारों की लापरवाही से प्रसूता और उसके अजन्मे शिशु की मौत हुई है।