अशोकनगर. रूठा हुआ मानसून बुधवार
को जिले में जमकर बरसा। झमाझम बारिश ने जहां किसानों के चेहरे पर मुस्कान
ला दी, वहीं खेतों की खोई हुई रौनक भी वापस लौट आई।
अशोकनगर. रूठा हुआ मानसून बुधवार को जिले में जमकर बरसा। झमाझम बारिश ने जहां किसानों के चेहरे पर मुस्कान ला दी, वहीं खेतों की खोई हुई रौनक भी वापस लौट आई। लंबे इंतजार के बाद हुई राहत का बारिश में भीगकर लोगों ने भी इसका जमकर मजा उठाया।
उल्लेखनीय है कि प्री मानसून बारिश के बाद जिले में मानसूनी बारिश का सभी को इंतजार था। बारिश न होने से किसानों के चेहरे और प्री मानसून के बाद बोई गई फसलें दोनों ही मुरझा गए थे। प्रार्थनाओं और दुआओं का सिलसिला जारी था और बुधवार को आखिरकार आसमान से रहमत बरस ही गई।
सुबह से ही रुक-रुक कर हो रहे बादल दोपहर लगभग 01.00 बजे से बरसना शुरू हुए और शाम तक कभी तेज तो कभी धीमी बारिश होती रही। बारिश को युवाओं और बच्चों ने खूब लुत्फ उठाया। इसके साथ ही बाजार आए लोग भी अपने-आपको भीगने से नहीं रोक सके। लगातार बारिश के कारण जो लोग पहले इससे बचने के लिए ओट ढूंढकर खड़े हो गए थे, वे भी बाहर निकल आए।
खेतों में लौट आई हरियाली की चमक जिले में आधे से अधिक रकबे पर प्री मानसून बारिश में बोवनी हो गई थी।लेकिन इसके बाद बारिश थम जाने से फसलें मुरझाने लगी थीं। बुधवार को हुई बारिश के बाद खेतों में हरियाली की चमक फिर से लौट आई। साथ ही किसानों ने भी राहत की सांस ली। वहीं जो किसान बोवनी नहीं कर पाए थे, वे भी अब बोवनी करने की तैयारियों में जुट गए। बतर आने के बाद बोवनी से छूटे किसान अपने खेतों का रुख करेंगे। फिलहाल जिले में 35 प्रतिशत रकबा बोवनी के लिए शेष है।
खूब चला दुआओं और प्रार्थनाओं का दौर बारिश के लिए दुआओं व प्रार्थनाओं का दौर भी खूब चला। जिला मुख्यालय से करीब छह किमी दूर ग्राम गुचराई में करनसिंह (63) पुत्र बुद्धि सिंह यादव चार दिन तक मौन रहकर और अन्य का त्याग कर गौणबाबा के दरबार में बैठे रहे। उनकी मन्नत थी के मंदिर के आसपास पानी बह जाए, तब ही उठूंगा। बुधवार को जमकर बारिश हुई और उन्होंने उसमें भीगकर बाबा को धन्यवाद देते हुए अपना अनशन समाप्त किया। उन्होंने बताया कि गांव वालों ने 12 दिन पहले हुईबारिश के बाद उड़द व सोयाबीन की फसल बोई थी, जो सूखने लगी थी। इसलिए उन्होंने लगातार चार दिन और चार रात बाबा के दरबार में डेरा डाले रखा और पांचवे दिन बारिश होने पर ही उठे। पिपरई में मुस्लिम समाज के लोगों ने खेतों में पहुंचकर लगातार तीन दिन तक नमाज पढ़कर बारिश के लिए दुआएं मांगी। ग्राम मडख़ेड़ा में भी ग्रामीणों ने मंदिर में भजन-कीर्तन करते हुए अच्छी बारिश की कामना की, बारिश के बड़ी संख्या में श्रद्धालु करीला माता मंदिर भी पहुंचे। इसके अलावा के अन्य हिस्सों में भी लोग अपने-अपने तरीकों से बारिश के लिए इंद्र देव को मनाने की करने कोशिशों में लगे रहे।
सड़कों पर बहा नालियों का पानी नगरीय क्षेत्रों में पहली बारिश ने नगरीय प्रशासन के इंतजामों की पोल खोल दी। नालियों की गंदगी बारिश के पानी के साथ सड़कों पर बहती नजर आई। इससे लोगों को निकलने में दिक्कतों का सामना करना पड़ा। बारिश रुकने के बाद भी गंदगी सड़कों पर फैली रही। वहीं सड़कों के गड्ढे भी मुसीबत बने।इनमें पानी भरने से गहराई का अंदाजा न होने से वाहन चालकों की परेशानी बढ़ गई है।
11 जुलाई तक हुई 192 एमएम बारिश जिले में सोमवार को बारिश के बाद लगा था कि अब मानसून आ गया। लेकिन केवल 6 एमएम बारिश ही हुई और मंगलवार का दिन फिर सूखा निकल गया।11 जुलाई तक जिले में 192 एमएम बारिश दर्ज की गई, जबकि पिछले साल इस अवधि में 425 मिमी वर्षा हो चुकी थी। इसमें अशोकनगर तहसील में 133 मिमी, चंदेरी में सर्वाधिक 344 मिमी, ईसागढ़ में 129 मिमी और मुंगावली तहसील में 16 3 मिमी बारिश हुईहै। बुधवार को हुईबारिश के आंकड़े गुरुवार को सुबह मिल सकेंगे।