प्रतिमाओं को धूल में सना देखाकर पूर्व सरपंच राजेंद्रसिंह ने दो साल बाद मंदिर से उठाकर प्रतिमाओं को अपने घर पर रख लिया। बाद में इन प्रतिमाओं को स्थापित कराने कई सामाजिक संगठनों और संस्थाओं ने दर्जनों बार प्रशासन को ज्ञापन दिया, लेकिन छह साल बीत जाने के बाद भी शहीदों को इन प्रतिमाओं को शहर में स्थापित करने के लिए कोई जगह तक नहीं मिल सकी। नतीजतन प्रतिमाएं पूर्व सरपंच के घर पर ही रखी हुई हैं।
वहीं पहुंचकर युवाओं ने किया शहीदों को नमन-
शहीद दिवस के अवसर पर सामाजिक संगठनों और संस्थाओं के कार्यकर्ताओं व शहर के युवाओं ने पूर्व सरपंच के घर पर पहुंचकर प्रतिमाओं को माल्यार्पण किया और शहीदों को नमन किया। युवाओं का कहना है कि पिछले साल गोकुल सेवा संस्थान के कार्यकर्ताओं ने प्रतिमाओं को फिर से स्थापित करने की तैयारी कर ली थी, लेकिन पुलिस ने प्रतिमाओं को जब्त कर लिया था, हालांकि बाद में फिर से प्रतिमाएं पूर्व सरपंच को सौंप दी गई थीं। जहां पर युवाओं ने एक बार फिर से मूर्तियों को स्थापित करने की गुहार प्रशासन से लगाई।