कई दिन से पूर्व विधायक बलवीर कुशवाह को सांस लेने में तकलीफ थी, जिनका भोपाल में इलाज चल रहा था। जो भोपाल से कुछ दिन पहले ही घर लौटे थे, बुधवार को स्वास्थ्य खराब हो जाने से जांच कराने के लिए परिजन उन्हें बहेरिया अस्पताल ले जा रहे थे, लेकिन रास्ते में हार्ट अटैक से उनका निधन हो गया। शाम को शहर में उनका अंतिम संस्कार हुआ, जिसमें हजारों की संख्या में लोगों ने पहुंचकर उनके अंतिम दर्शन किए। साथ ही जिले के कई नेता, जनप्रतिनिधि और गणमान्य नागरिक भी अंतिम संस्कार कार्यक्रम में शामिल हुए।
जिला बनवाने में रही पूर्व विधायक की मुख्य भूमिका-
बलवीर कुशवाह 1998 में बसपा से अशोकनगर विधानसभा के विधायक चुने गए थे। विधायक रहते तत्कालीन मुख्यमंत्री दिग्विजयसिंह के कहने पर वह बसपा छोड़कर कांग्रेस में शामिल हुए थे, कहा जाता है कि कांग्रेस में शामिल होने उन्होंने अशोकनगर को जिला बनाने और मंत्री बनाए जाने की शर्त रखी थी। इस पर तत्कालीन मुख्यमंत्री दिग्विजयसिंह ने उनसे दोनों में से एक विकल्प चुनने को कहा। इस पर उन्होंने मंत्री पद की चाह छोड़कर अशोकनगर को जिला बनवाने के विकल्प को चुना था।
भाजपा से शुरु किया था राजनीतिक जीवन का सफर-
पूर्व विधायक बलवीर कुशवाह ने अपने राजनीतिक जीवन का सफर भाजपा से शुरु किया था। जो सबसे पहले भाजपा से पार्षद बने और नपा के उपाध्यक्ष भी रहे। 1993 में बसपा में शामिल होकर विधानसभा चुनाव लड़ा लेकिन कुछ वोटों के अंतर से हार गए थे। 1998 में बसपा के टिकिट पर विधानसभा चुनाव जीतकर विधायक चुने गए थे। बाद में उन्होंने कांग्रेस की सदस्यता ले ली थी।