एक के बाद एक चंद घंटों में तीन मासूम बेटियों की हो गई मौत, गांव में मचा हड़कंप
पहले उल्टियां हुईं और फिर एक के बाद एक कुछ घंटों के अंतराल में हो गई तीन मासूम बेटियों की मौत, गांव पहुंची डॉक्टरों की टीम..

अशोकनगर. अशोकनगर में एक ही परिवार की तीन मासूम बच्चियों की एक के बाद एक तीन कुछ ही घंटों के अंतराल में मौत हो जाने से हड़कंप मच गया। बच्चियों की संदेहास्पद मौत का मामला जिले से महज 10 किलोमीटर दूर लखेरी-बरासरती गांव का है। जहां रहने वाले सुरेश जोगी की तीन बेटियों की संदिग्ध परिस्थितियों में एक के बाद एक मौत हो गई। स्वास्थ्य विभाग के डॉक्टर्स की टीम गांव पहुंचकर जांच कर रही है। वहीं पीएचई मंत्री बृजेन्द्र सिंह यादव ने भी सीएमएचओ को फटकार लगाते हुए 24 घंटे में जांच रिपोर्ट पेश करने के लिए कहा है।
पहले उल्टियां हुईं और फिर मौत
लखेरी-बसारती गांव के रहने वाले सुरेश जोगी की पांच बेटियां हैं। जिनमें से तीन बेटियों की दो दिन के अंदर मौत हो चुकी है। सबसे पहली बेटी की मौत 19 अगस्त को हुई थी। पिता सुरेश ने बताया कि 5 साल की बेटी खुशी को 18 अगस्त की रात को उल्टियां हुईं थीं तो उसे पानी पिलाकर फिर से सुला लिया था। 19 अगस्त की सुबह बेटी को फिर से उल्टियां हुईं तो वो उसे अस्पताल ले जाने के लिए घर से निकला लेकिन अस्पताल पहुंचने से पहले ही खुशी की मौत हो गई। दूसरी बेटी वैष्णणी जिसकी उम्र 4 साल थी उसे भी बड़ी बेटी के खत्म होने के कुछ ही घंटों बाद उल्टियां हुईं तो पिता उसे जिला अस्पताल लेकर पहुंचा यहां बच्ची का इलाज किया जा रहा था लेकिन इसी दौरान उसकी भी मौत हो गई। तीसरी बेटी जिसकी उम्र 6 महीने थी उसकी 22 अगस्त की सुबह तबीयत बिगड़ी और उल्टियां होने के बाद घर पर ही उसकी भी मौत हो गई।
PHE मंत्री ने लगाई सीएमएचओ को फटकार
एक के बाद एक तीन बेटियों की मौत की खबर लगने के बाद मध्यप्रदेश के पीएचई मंत्री बृजेन्द्र यादव भी पीड़ित परिवार से मिलने के लिए पहुंचे। इस दौरान उन्होंने पीड़ित परिवार से पूरे मामले की जानकारी ली और सीएमएचओ को जमकर फटकार भी लगाई। मंत्री बृजेन्द्र यादव ने सवाल उठाते हुए कहा कि जब दूसरी लड़की की एक ही ढंग से मौत हुई थी तो उसका पोस्टमार्टम क्यों नहीं कराया गया। मंत्री ने सीएमएचओ से 24 घंटे के अंदर मामले की जांच कर रिपोर्ट पेश करने के लिए कहा है।
भुट्टे और आंगनबाड़ी का हलुआ खाया था
बच्चियों के पिता सुरेश जोगी ने बताया कि गुरुवार को परिवार के सभी सदस्यों ने भुट्टे और आंगनबाड़ी से मिलने वाला हलुआ खाया था। उसी रात को बड़ी बेटी खुशी की तबीयत बिगड़ी थी। जब पूरे परिवार ने एक साथ भुट्टे खाए थे तो बेटियों की तबीयत ही क्यों बिगड़ी ? दो बेटियों की मौत के बाद परिवार ने उनका अंतिम संस्कार जलाकर कर दिया है जबकि बच्चों का अंतिम संस्कार जलाकर नहीं किया जाता है। सबसे छोटी बच्ची का पोस्टमार्टम कराया गया है जिसकी रिपोर्ट आने के बाद ही मामले में कुछ खुलासे की उम्मीद है।
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