अशोकनगर

सर्दी में रेलवे प्लेटफार्म पर कंपकंपाते रहे यात्री

पांच से छह घंटे देरी से चलीं ट्रेनें, रेलवे स्टेशन पर ट्रेनों का इंतजार करते रहे यात्री, न्यूनतम तापमान 11 डिग्री सेल्सियस

अशोकनगरDec 08, 2018 / 10:50 pm

Manoj vishwakarma

सर्दी में रेलवे प्लेटफार्म पर कंपकंपाते रहे यात्री

अशोकनगर. जिले में जहां रात के समय सर्द हवाओं और कड़ाके की सर्दी से न्यूनतम तापमान 11 डिग्री सेल्सियस पर चल रहा है। ऐसे में रात के समय ट्रेनों की लेटलतीफी यात्रियों की परेशानी को और बढ़ा रही है। हालत यह है कि रात को चार यात्री ट्रेनें चार से छह घंटे की देरी से चलीं। वहीं गुना-बीना पैसेंजर जहां चार घंटे की देरी से गुना से चली तो इसे 118 किमी दूर बीना पहुंचने में छह घंटे का समय लगा। इससे सर्द हवाओं के बीच ट्रेन में यात्री अपने गंतव्य तक पहुंचने परेशान होते रहे।
 

शाम को 6 :36 बजे आने वाली भोपाल-ग्वालियर इंटरसिटी एक्सप्रेस शुक्रवार-शनिवार की रात 5 घंटे 18 मिनिट लेट रात को 11:54 बजे आई, वहीं रात को 9:43 बजे आने वाली भोपाल-जोधपुर एक्सप्रेस भी करीब पौंने दो घंटे की देरी से रात को 11:21 बजे अशोकनगर आई।वहीं बीना की तरफ जाने के लिए रात 8 :39 बजे आने वाली नागदा-बीना पैसेंजर दो घंटे 42 मिनिट की देरी से रात को 11:21 बजे आई। वहीं शाम को 7:47 बजे आने वाली गुना-बीना पैसेंजर जहां गुना स्टेशन से ही करीब चार घंटे की देरी से रात 11:14 बजे चली और रात को 2:21 बजे अशोकनगर स्टेशन पर आई। जो बीना स्टेशन पर सुबह 5:26 बजे पहुंची। इससे गुना-बीना पैसेंजर को गुना से बीना तक की 118 किमी की दूरी को तय करने में छह घंटे से अधिक समय लगा।
कड़ाके की सर्दी में ट्रेनों की देरी से यात्रियों को रातभर स्टेशनों पर परेशान होना पड़ा। हालांकि रेलवे द्वारा इसका कारण शुक्रवार को दिनभर चले अंडरपास के निर्माण को बताया जा रहा है। लेकिन यात्रियों का कहना है कि रोजाना ही कड़ाके की सर्दी के बीच टे्रनों की लेटलतीफी परेशानी बनी हुई, फिर भी जिम्मेदार रेलवे प्रबंधन इस पर कोई ध्यान नहीं दे रहा है।
दिन में भी बंद रहीं चार पैसेंजर ट्रेन

खास बात यह है कि शुक्रवार को दिन और रात के समय तो ट्रेनें पांच से छह घंटे की देरी से चलीं, तो वहीं शनिवार को दिन में भी चार पैसेंजर ट्रेन बंद रहीं। इससे यात्रियों को दिनभर अन्य ट्रेनों के इंतजार में घंटों परेशान होना पड़ा। जिलेवासियों का कहना है कि कई बार शिकायत करने के बाद भी रेलवे द्वारा कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है।
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