ट्रैक्टर चालक ने पहिए को गड्ढ़े से निकालने के लिए काफी मशक्कत की और लोगों ने भी धक्का लगाया, लेकिन ट्राली का पहिया नहीं निकल सका। इससे बाद में ट्राली की गिट्टी को सड़क पर ही खाली किया गया और इसके बाद गड्ढ़े से पहिया निकल सका। बाद में फिर से गिट्टी को भरने के बाद ट्रेक्टर रवाना हुआ।
इससे एक घंटे तक सड़क पर जाम लगा रहा। सबसे ज्यादा समस्या स्कूली बच्चों को हुई, जिन्हें घर और स्कूल जाने के लिए एक घंटे तक वाहनों में ही फंसे रहकर जाम खुलने का इंतजार करना पड़ा। जाम की समस्या शहर में गंभीर हो चुकी है और रोजाना इसी तरह से लोगों को परेशान होना पड़ता है।
गड्ढ़ों को भरने के लिए गंभीर नहीं जिम्मेदार-
वर्षों से उखड़ी पड़ी पछाड़ीखेड़ा रोड पर करीब डेढ़ साल पहले ही सड़क निर्माण हुआ था। लेकिन सड़क बनने के बाद पेयजल लाइन के लीकेज सुधारने के नाम पर कई जगहों पर गहरे गड्ढ़े खोद दिए गए। इतना ही नहीं, लीकेज नहीं सुधर सके और लीकेज में पानी बहने से रोकने के लिए बार-बार इन गड्ढ़ों को खोदा जाता है और हर बार इनमें सिर्फ मिट्टी भर दी जाती है। सही तरीके से गड्ढ़े न भरे होने की वजह से वाहनों के पहिए इन गड्ढ़ों में धंस जाते हैं। इसके अलावा सड़क पर दोनों तरफ अतिक्रमण रहने से ऐसी स्थिति में सड़क पर जाम लग जाता है।