अशोकनगर

शहर के सवा 11 करोड़ के प्रोजेक्ट को मंत्रालय की हॉँ, प्रशासकीय-तकनीकी स्वीकृति अगले सप्ताह

तुलसी सरोवर प्रोजेक्ट से बढ़ेगी शहर की सुंदरता

अशोकनगरFeb 04, 2019 / 09:07 am

Arvind jain

शहर के सवा 11 करोड़ के प्रोजेक्ट को मंत्रालय की हॉँ, प्रशासकीय-तकनीकी स्वीकृति अगले सप्ताह

अशोकनगर. करीब तीन साल से स्वीकृति के लिए अटके तुलसी सरोवर के सवा 11 करोड़ रुपए के प्रोजेक्ट को मंत्रालय ने स्वीकृत कर लिया है और इसकी प्रशासकीय व तकनीकी स्वीकृति इस सप्ताह मिलने की संभावना है। शहर की खूबसूरती में चार चांद लगाने वाले इस प्रोजेक्ट के नगरीय प्रशासन विभाग कई हिस्सों में टेण्डर करेगा। इस प्रोजेक्ट के तहत निर्माण पूर्ण होते ही तुलसी सरोवर तालाब के साथ शहर की खूबसूरती भी बढ़ जाएगी और लोगों को रोजगार के लिए चौपाटी भी विकसित की जाएगी।

रविवार को भोपाल में प्रभारी मंत्री महेंद्रसिंह सिसोदिया, विधायक जजपालसिंह जज्जी और कलेक्टर डॉ.मंजू शर्मा ने तुलसी सरोवर प्रोजेक्ट को स्वीकृत कराने के लिए प्रदेश के नगरीय प्रशासन मंत्री जयवर्धनसिंह से मुलाकात की। बैठक में नगरीय प्रशासन मंत्री ने इस प्रोजेक्ट को सैद्धांतिक स्वीकृति दे दी है और प्रोजेक्ट में शामिल विभिन्न निर्माण कार्यों को अलग-अलग टेण्डर जारी कराने की बात कही है, ताकि प्रोजेक्ट जल्दी ही पूर्ण भी हो सके।
साथ ही प्रोजेक्ट को प्रशासकीय और तकनीकी स्वीकृति इसी सप्ताह दिलाने की बात कही है। वहीं निर्माण शुरू कराने के लिए जल्दी ही पहली किस्त सवा करोड़ रुपए की जारी करने की बात कही है। बैठक में स्वीकृति मिलने के बाद अब प्रोजेक्ट पर प्रशासकीय स तकनीकी स्वीकृति के साथ जल्दी ही टेण्डर प्रक्रिया शुरू होने की संभावना है।

नालों से गंदा हो रहा है तुलसी सरोवर का पानी-
शहर के तुलसी सरोवर का करीब डेढ़ साल पहले गहरीकरण हुआ था, तब से गर्मियों के मौसम में भी पर्याप्त पानी भरा रहता है। इससे आसपास के क्षेत्र व कॉलानियों में जलस्तर ऊपर रहने से लोगों आसपास के ट्यूबवेल और हैण्डपंपों में पानी की कमी नहीं आती है। वहीं धार्मिक गतिविधियों में भी इस सरोवर का शहर में बड़ा महत्व है, लेकिन शहर के तीन गंदे नालों का पानी सरोवर में जाकर मिलता है,
इससे सरोवर का पानी हमेशा गंदा बना रहता है। इस प्रोजेक्ट में सौंदर्यकरण के साथ नालों का निर्माण कार्य भी शामिल है, ताकि पानी को गंदा होने से बचाया जा सके।


इस प्रोजेक्ट में यह काम हैं शामिल-
– सरोवर के आसपास सर्विस रोड बनाने और आकर्षक लाइटें लगाई जाएगीं। साथ ही आकर्षक फब्बारे बनाने का काम भी शामिल है।
– सरोवर किनारे की खाली जगह पर पार्क बनाने का काम और किनारे पर बड़े शहरों की तरह चौपाटी विकसित भी की जाएगी।
– सरोवर के बीच स्थित टापू तक जाने के लिए पुल भी बनाया जाएगा और सरोवर का सौंदर्यकरण का काम भी शामिल है।
– सरोवर में नालों का गंदा पानी रोकने के लिए पक्के नाले का निर्माण कर इस गंदे पानी को डायवर्ट कर दूर छोडऩे की भी योजना है।
– विमानों के चबूतरा का भी निर्माण किया जाएगा और सरोवर पर घाट तैयार किए जाएंगे, ताकि धार्मिक कार्यक्रमों के समय समस्या खत्म हो सके।
इससे शहर को यह होगा लाभ-
– तीनों नालों को डायवर्ट कर देने से गंदा पानी सरोवर में नहीं मिलेगा, इससे सरोवर का पानी साफ-स्वच्छ बना रहेगा।
– सर्विस रोड और पार्क में वाकिंग लाइनें बनने से लोग सुबह-शाम सरोवर पर टहल सकेंगे और सरोवर का तुत्फ उठा सकेंगे।
– चौपाटी विकसित होने से लोग चाट आदि खाद्य सामग्री के ठेले लगा सकेंगे और इससे उन्हें रोजगार का एक स्पॉट तैयार हो जाएगा।
– सरोवर का सौंदर्यकरण होने से शहर की सुंदरता बढ़ेगी, वहीं पास में से ही निकलने वाला फोरलेन भी इस सुंदरता को और बढ़ा देगा।

तुलसी सरोवर प्रोजेक्ट को नगरीय प्रशासन मंत्री ने सैद्धांतिक स्वीकृति दे दी है और इस सप्ताह इसकी प्रशासकीय और तकनीकी स्वीकृति भी मिल जाएगी। नगरीय प्रशासन मंत्री ने पहली किस्त डेढ़ करोड़ रुपए जल्दी ही जारी कराने की बात भी कही है। इससे शहर की सुंदरता बढ़ जाएगी।
जजपालसिंह जज्जी, विधायक अशोकनगर
प्रभारी मंत्री, विधायक के साथ हमने नगरीय प्रशासन मंत्री के साथ बैठक की। इस प्रोजेक्ट के पूर्ण होने से शहर की तस्वीर बदल जाएगी। साथ ही शहरवासियों को एक अच्छा स्पॉट तैयार हो जाएगा। जहां लोग घूम सकेंगे।
डॉ.मंजू शर्मा, कलेक्टर अशोकनगर
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