लॉकडाउन में खाते में आई राशि तो हुआ खुलासा
लॉकडाउन के दौरान केंद्र सरकार द्वारा उज्जवला योजना की हितग्राहियों के खातों में डाली गई गैस की राशि से जिले में हुए इस घोटाले का खुलासा हुआ। अप्रैल में महिलाओं के बैंक खातों में राशि आई तो उन्हें पता चला कि उनके नाम से गैस कनेक्शन चल रहे हैं। इससे वह अब अपने गैस कनेक्शन, गैस चूल्हे और सिलेंडर पाने के लिए ऑफिसों के चक्कर काट रही हैं। खजूरियाचक्क निवासी गायत्री पत्नी बिजेंद्र पारदी, मुकेशबाई पत्नी माहीलाल पारदी, पाईलेश पत्नी पिपेंद्र पारदी, स्पेशलबाई पत्नी भूरा पारदी, जाखलौन निवासी उमकरियाबाई पत्नी भुजबलसिंह रावत, नादनखेड़ी निवासी ज्ञानबाई पत्नी तोरन आदिवासी, प्रियंका पत्नी आनंद पारदी, कौशल्या पत्नी खुमान कुशवाह, रामश्री पत्नी मुलायम कुशवाह और राजोबाई पत्नी कल्लू आदिवासी ने मुंगावली एसडीएम से शिकायत की है कि गैस एजेंसी ने उनके गैस चूल्हों व सिलेंडरों को अन्य लोगों को बेच दिया है।
केस-1
10 बार दिए कागज, पर नहीं मिला कनेक्शन
ढुड़ैर निवासी सीमा पत्नी अरविंद यादव ने योजना के तहत कनेक्शन पाने गैस एजेंसी को 10 बार दस्तावेज दिए, एजेंसी ने हर बार आवेदन निरस्त होना बताया। लॉकडाउन के दौरान खाते में राशि आने पर जानकारी ली तो पता चला कि उनके नाम से डेढ़ साल पहले ही उज्जवला का गैस कनेक्शन जारी हो गया था। लेकिन सीमा यादव को न तो कनेक्शन बुक मिली और न हीं गैस चूल्हा व सिलेंडर।
केस-2
आवेदन निरस्त कहकर एजेंसी से भगा दिया
बरखेड़ाकाछी पंचायत के खजूरियाचक्क की अनीताबाई पत्नी गुड्डू कुशवाह ने भी उज्जवला का गैस कनेक्शन पाने आवेदन किया था, एजेंसी पर उनसे रुपए भी लिए गए, बाद में आवेदन निरस्त कहकर भगा दिया। अप्रैल में बैंक खाते में गैस की राशि आई तो पता चला कि उनका भी गैस कनेक्शन है, लेकिन आज तक गैस चूल्हा व सिलेंडर नहीं मिला। वह कच्चे चूल्हे पर लकड़ी-कंड़े जलाकर खाना बनाती हैं।
गड़बड़ी हुई तो कराएंगे जांच- कलेक्टर
खाद्य विभाग के कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी कल्लू पटेल ने बताया कि यह एक साल पहले का मामला है, वह एजेंसी बंद भी हो चुकी है। अब तक हम 105 महिलाओं के नाम की सूची गैस कंपनी को भेज चुके हैं, जिनके गैस चूल्हे व सिलेंडर नहीं दिए गए। रोजाना ऐसी शिकायतें आ रही हैं। वहीं कलेक्टर अभय वर्मा ने कहा है कि यदि उज्जवला योजना में इस तरह की गड़बड़ी हुई है तो मामले की जांच कराकर संबंधित के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी और हितग्राहियों को उनकी सामग्री दिलाई जाएगी।