इसके बाद यहां एफओबी बनवाया गया और इसके चालू होने के बाद रेलवे ने फाटक को बंद कर दिया। इसके बाद भी समस्याएं हल नहीं हुईऔर लोगों ने व्यक्तिगत व संगठित रूप से फाटक खोलने की मांग उठाई। वहीं अंडर ब्रिज निर्माण की भी मांग तेज हुई। इस बीच अंडर ब्रिज निर्माण की संभावनाओं को देखने रेलवे के अधिकारी भी पहुंचे, लेकिन बात नहीं बनी।
नागरिकों के अलावा जनप्रतिनिधियों व नेताओं ने भी पत्राचार किया, लेकिन मांग लंबित ही रही। अब जाकर रेलवे के बताए अनुसार सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने लोगों की मांग को देखते हुए सांसद निधि से 1.89 करोड़ रुपए की स्वीकृति दी है।इसके लिए उन्होंने कलेक्टर को पत्र लिखा है।जिसमें कहा गया हैकि वे अशोकनगर रेलवे क्रॉसिंग 41 ए के पास नए रेलवे अंडर ब्रिज निर्माण के लिए सांसद स्थानीय क्षेत्र विकास योजना अनुसार इसकी अनुमानित लागत देने की अनुशंसा करता हूं। इसके लिए राज्य सरकार से आवश्यक अनुमतियां दिलवाने में सहयोग करें और राशि प्रदान करें।
सीएम पर निशाना
कांग्रेस ने सीएम शिवराजसिंह पर निशाना साधा है।पार्टी के जिला प्रवक्ता जय प्रकाश अग्रवाल ने कहा कि कभी तकनीकी समस्या तो कभी आर्थिक तंगी का बहाना बनाकर अंडर ब्रिज के निर्माण में बाधाएं खड़ी की गईं। सांसद ने राशि स्वीकृत कर इन बाधाओं को दूर किया। अगस्त माह में मुख्यमंत्री ने चन्देरी में अंडर ब्रिज बनवाने की घोषणा की थी, लेकिन वह पांच माह बाद भी घोषणा ही रही। इस दिशा में राज्य सरकार की तरफ से कोई प्रयास नहीं किए गए।
बारिश में आएगी जल निकासी की समस्या
पश्चिम मध्य रेलवे के जबलपुर ऑफिस से 3 जनवरी को सांसद के नाम एक पत्रजारी किया गया था। जिसमें इसकी अनुमानित लागत 1.89 करोड़ रुपए बतार्इ गई थी। अंडर ब्रिज की प्रस्तावित हाइट 2.5 मीटर व चौड़ाई 0.3 मीटर बताई गई है। जिसके बाद सांसद द्वारा 11 जनवरी को सांसद निधि से राशि की अनुशंसा करते हुए कलेक्टर को पत्र जारी किया गया। रेलवे ने अंडर ब्रिज निर्माण के लिए आरओबी के पास जगह बताई है और यहां बारिश के दिनों में जल निकासी की समस्या पर भी ध्यानाकर्षित किया है। इसके साथ ही काम शुरू करने से पहले राज्य सरकार के तहत आने वाली अशोकनगर नगरपालिका से जल निकासी की व्यवस्था करने के संबंध में बात करने की सलाह भी दी गई है। जल निकासी न होने पर लोगों को समस्या भी होगी।