तहसील के पीछे सुभाष कालोनी में रहने वाले सुनील सोनी द्विवेदी नगर के अपने भूखंड में मकान निर्माण की योजना बना रहे थे। इसके लिए उन्होंने नगर परिषद में भवन निर्माण की अनुमति के लिए आवेदन भी किया था। पीडि़त सुनील सोनी की मानें तो वह कई बार नप सीएमओ से भवन निर्माण की अनुमति की फइल आगे बड़ाने के लिए निवेदन कर चुके थे।
लेकिन उनकी कोई सुनवाई नहीं हुई। 9 मई को वह एक बार फि र भवन निर्माण की अनुमति के संबंध में सीएमओ डीपी शर्मा के पास पहुंचे तो सीएमओ ने उनके साथ अभद्र व्यवहार किया। साथ ही बिना पैसे के काम नहीं होने की बात कही। इसके बाद वह घर पहुंचे और एक मध्यस्थ के जरिए 6 हजार रूपए की राशि सीएमओ तक पहुंचाई। पीढि़त सुनील सोनी ने बताया कि पूरे मामले का उन्होंने मोबाइल से वीडियो भी बना लिया।
बदनाम करने की बताई साजिश
नप सीएमओ द्वारका प्रसाद शर्मा ने बताया कि उक्त रूपए पत्नि के उपचार के लिए उधार लिए थे। इसी दौरान वीडियो बना लिया गया। जहां तक भवन निर्माण की अनुमति का सवाल है तो वह ऑन लाइन मिलती है। सीएमओ ने कहा कि वह नप के कर्मचारियों के साथ कढ़े व्यवहार से पेश आते हैं। इसलिए हो सकता है कि नप के किसी कर्मचारी ने ही उन्हें बदनाम करने की साजिश रची हो।
आत्मा कचोट रही थी इसलिए वायरल किया वीडियो
वीडियो वायरल करने वाले सुनील सोनी ने बताया कि भवन निर्माण की अनुमति के संबंध में चर्चा करते समय सीएमओ बेहद खराब तरीके से उनके साथ पेश आए थे। उन्होने धमकी दी थी कि वह तय रकम से एक पैसा भी कम नहीं लेंगे। साथ ही कहा कि वह उन जैसे लोगों के साथ बैठना भी पसंद नहीं करते। पीडि़त सुनील ने ईसागढ़ के सोशल मीडिया ग्रुप में भी इस संबंध में अपनी व्यथा व्यक्त की थी। सुनील ने बताया कि पैसे देने के बाद भी सीएमओ का व्यवहार जस का तस रहा। इसलिए वह सहन नहीं कर सके और वीडियो वायरल कर दिया।
नप सीएमओ के संबंध में सोशल मीडिया पर वायरल हुए वीडियो की जानकारी मुझे मिल चुकी है। मतगणना के बाद वीडियो की सच्चाई का पता लगाकर जरूरी कार्रवाई की जाएगी।
डा. मंजू शर्मा कलेक्टर अशोकनगर