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बांध निर्माण के लिए पहुंची मशीनें तो ग्रामीणों ने रुकवाया काम

locationअशोकनगरPublished: Feb 01, 2018 08:04:07 am

2208 करोड़ लागत की लोअर ओर सिंचाई परियोजना का मामला, छह गांवों के ग्रामीण बोले पहले मुआवजा फिर शुरू होगा काम

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अशोकनगर। 2208 करोड़ रुपए की लागत से बन रही लोअर ओर सिंचाई परियोजना के लिए बांध निर्माण करने पहुंची मशीनों को ग्रामीणों ने रुकवा दिया। साथ ही डूब क्षेत्र में आने वाले 6 गांवों के सैंकड़ों ग्रामीण वहीं पर बैठ गए। ग्रामीणों ने कहा कि अभी तक मुआवजा नहीं मिला, इसलिए पहले मुआवजा दो और उन्हें विस्थापित करो, इसके बाद ही काम शुरू होने देंगे। हालांकि जब अधिकारियों ने कहा कि मुआवजा देने के बाद ही काम शुरू होगा, तब ग्रामीण वहां से हट तो गए लेकिन काम शुरू नहीं होने दिया।

नदी पर लोअर ओर परियोजना का काम चल रहा है। इसके लिए बांध निर्माण पर 262 करोड़ और शेष राशि भू-अर्जन, विस्थापन, नहर और गांव की बसाहट पर खर्च होगी। इसके डूब क्षेत्र में अशोकनगर जिले के 9 गांव और शिवपुरी जिले के तीन गांव आएंगे। बुधवार को एलएंडटी सहित कई मशीनें दुधावनी घाट पहुंची, तो जानकारी मिलते ही छह गांवों के सैंकड़ों लोग वहां एकत्रित हो गए और काम शुरू होने से पहले मुआवजा और विस्थापन की मांग की। ग्रामीणों का कहना है कि अब तक उन्हें कितना पैसा मिलेगा, इसकी भी कोई जानकारी नहीं दे रहा है। बाद में अधिकारियों ने पहुंचकर उन्हें आश्वासन दिया।

10 लाख रुपए बीघा चाहिए मुआवजा
काम रुकवाने पहुंचे नन्हें राजा परमार सहित अन्य ग्रामीणों का कहना है कि उन्हें जमीन के साथ मकान और पेड़ों का भी मुआवजा चाहिए। कोई उन्हें यह भी नहीं बता रहा है कि मुआवजा किस हिसाब से और कितना मिलेगा। ग्रामीणों की मांग है कि शासन भू-अर्जन का 10 लाख रुपए बीघा और 10 लाख रुपए पुनर्वास के लिए दे। ताकि दूसरी जगह वह जमीन तलाश सकें।

जिले को नहीं मिलेगा पानी
लोअर ओर सिंचाई परियोजना में अशोकनगर जिले के लिधोरा, पगरा, ख्यावदा, बीठला और पहाड़पुर गांव पूरी तरह से डूब जाएंगे, वहीं डांग बेरसिया, बूढ़ी चंदेरी और गड़रिया कहांस का ज्यादातर हिस्सा डूब जाएगे। शिवपुरी जिले का नारोनी गांव पूरी तरह से डूब जाएगा और दो गांव आंशिक प्रभावित होंगे। डूब क्षेत्र में जिले का 77 फीसदी रकबा होने के बाद भी परियोजना के जिले को एक बूंद पानी भी नहीं मिलेगा, इस परियोजना से शिवपुरी व दतिया जिले के 288 गांव की 90 हजार हेक्टेयर जमीन सिंचित होगी।

परियोजना पर एक नजर
नाम – लोअरसिंचाई परियोजना
लागत – 2208 करोड़ रु.
डूब क्षेत्र – 2397 हेक्टेयर

नाम – लोअर,सिंचाई परियोजना
निजी भूमि – 1429 हेक्टेयर
वन भूमि – 968 हेक्टेयर

दो गुनी राशि और ब्याज दिया जाएगा

परियोजना के तहत बांध निर्माण का टेंडर हो चुका है। 12 जनवरी को भू-अर्जन की अधिसूचना जारी हो चुकी है। बांध निर्माण के लिए अभी काम शुरू नहीं हुआ, बल्कि जमीन की खुदाई कर टेस्टिंग के लिए मशीनें भिजवाई थीं। भू-अर्जन एक्ट 2013 के हिसाब से किसानों को सरकारी रेट की दो गुनी राशि और ब्याज दिया जाएगा। इसी के बाद काम शुरू होगा।
– सुरेंद्र शर्मा, कार्यपालन यंत्री लोअर ओर सिंचाई परियोजना चंदेरी

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