pipe canal: बेतवा से लिफ्ट होगा पानी, 25 गांवों की साढ़े सात हजार हेक्टेयर जमीन होगी सिंचित
मुख्यमंत्री की घोषणा के बाद पूर्ण हुआ सर्वे, विभाग ने शासन को भेजी डीपीआर।
अशोकनगर
Published: May 25, 2022 05:45:49 pm
अशोकनगर-जिले में दूसरी लिफ्ट इरिगेशन योजना की तैयारी शुरु हो गई है। इसके लिए बेतवा से पानी लिफ्ट होगा और पाइप कैनाल के माध्यम से खेतों तक पहुंचेगा, जिससे 25 गांवों की साढ़े सात हजार हेक्टेयर जमीन सिंचित होगी। जिनमें आठ गांव विदिशा जिले के भी लाभांवित होंगे।
हम बात कर रहे हैं मल्हारगढ़ उद्वहन सूक्ष्म सिचाई परियोजना की। जिसके लिए बेतवा नदी स्थित जेपी बैराज से पानी उठाया जाएगा और जिले के मल्हारगढ़ व बहादुरपुर क्षेत्र के 17 गांवों और विदिशा जिले के 8 गांवों की सिंचाई की जाएगी। इस सूक्ष्म सिंचाई परियोजना के तहत 7500 हेक्टेयर जमीन को सिंचित करने का लक्ष्य है। 82 करोड़ 94 लाख 12 हजार रुपए लागत की इस परियोजना के लिए जलसंसाधन विभाग ने सर्वे भी पूर्ण कर लिया है और डीपीआर तैयार कर शासन को भेज दी गई है। पीएचई राज्यमंत्री बृजेंद्रसिंह यादव के मुताबिक मल्हारगढ़ क्षेत्र के गांव व घाटबमूरिया तक के गांवों को इसमें शामिल किया गया है।
सिंचाई को जेपी बैराज से लेंगे 25 एमसीएम पानी-
मुंगावली क्षेत्र में बेतवा नदी पर जेपी बैराज बना हुआ है, जो जलसंसाधन विभाग का है। लेकिन इसके पानी का इस्तेमाल जेपी थर्मल पावर प्लांट करता है। विभाग के मुताबिक 45.15 एमसीएम (मिलियन घन मीटर) पानी क्षमता का यह बैराज है। जिसमें से 15 एमसीएम पानी हर साल थर्मल पावर प्लांट लेता है और 30 एमसीएम पानी बैराज में बचता है। जिसमें से 25 एमसीएम पानी का इस्तेमाल हर साल मल्हारगढ़ उद्वहन सूक्ष्म सिंचाई परियोजना में किया जाएगा। हालांकि इसके बाद भी बैराज में पांच एमसीएम पानी बचा रहेगा।
मुख्यमंत्री ने की थी घोषणा, तो तैयार हुई डीपीआर-
मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने 24 सिंतबर 2020 में मल्हारगढ़ सूक्ष्म सिंचाई परियोजना बनाने की घोषणा की थी। शासन से डीपीआर मांगे जाने के बाद जलसंसाधन विभाग ने इस परियोजना के लिए सर्वे कराया और डीपीआर तैयार कराई। साथ ही डीपीआर को जलसंसाधन विभाग के प्रमुख अभियंता के पास भेज दिया गया है। जहां से निर्माण के लिए प्रशासकीय स्वीकृति की मांग की गई है।
पाइप कैनाल के रूप में होगी जिले की पहचान-
राजघाट बांध से भी लिफ्ट इरिगेशन के तहत पाइप कैनाल के निर्माण का कार्य चल रहा है। 450 करोड़ रुपए लागत की राजघाट सिंचाई परियोजना के तहत जिले के 122 गांवों की 28 हजार हेक्टेयर जमीन को सिंचित किया जाएगा। अक्टूबर 2024 में यह कार्य पूर्ण होने का विभाग ने लक्ष्य निर्धारित किया है। तो वहीं मल्हारगढ़ उद्वहन सूक्ष्म सिंचाई परियोजना से पाइप कैनाल के माध्यम से 25 गांवों की सिंचाई होगी। इससे पाइप कैनाल अशोकनगर जिले की पहचान बन जाएगी।
यह भी खास-
- मल्हारगढ़ उद्वहन सूक्ष्म सिंचाई परियोजना के लिए बेतवा नदी के किनारे पंप हाउस बनाया जाएगा और ऊंचाई पर स्टॉक पॉइंट बनेगा, जहां से पाइप कैनाल से पानी छोड़ा जाएगा।
- खुली नहर का कुछ पानी जमीन सोख लेती है तो वहीं लोग नहरों से विद्युत पंप व डीजल इंजनों के माध्यम से पानी की चोरी भी करते हैं, लेकिन इसका पानी पूरा खेतों में जाएगा।
- राजघाट व मल्हारगढ़ सिंचाई परियोजना तैयार होने के बाद जिले के 139 गांवों की सिंचाई पाइप कैनाल के माध्यम से होगी और हर खेत तक सीधे ही पाइप से पानी पहुंचेगा।
वर्जन-
मुख्यमंत्रीजी ने घोषणा की थी, इससे हमने इस प्रोजेक्ट को विशेष प्राथमिकता में लिया है। सर्वे पूर्ण हो गया है और डीपीआर भी शासन को भेजी जा चुकी है। जल्द ही शासन से स्वीकृति मिलते ही निर्माण शुरु करा दिया जाएगा।
बृजेंद्रसिंह यादव, पीएचई राज्यमंत्री
82.94 करोड़ रुपए लागत की यह योजना है, जिससे 25 गांवों की 7500 हेक्टेयर जमीन की सिंचाई होगी। बेतवा नदी स्थित बैराज से पानी उठाकर पाइप कैनाल के माध्यम से भेजा जाएगा। डीपीआर बनाकर शासन को भेज दिया गया है।
अशोककुमार, कार्यपालन यंत्री जलसंसाधन विभाग

pipe canal: बेतवा से लिफ्ट होगा पानी, 25 गांवों की साढ़े सात हजार हेक्टेयर जमीन होगी सिंचित
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