वहीं मंगलवार को सिंधिया के ये शब्द की वो सौभाग्य मुझे नहीं मिला शायद मेरी कोई कमी रह गई ने अचानक लोगों को सकते में डाल दिया है। दरअसल मंगलवार को बर्बाद फसलों का जायजा लेने अशोक नगर पहुंचे सिंधिया अपने भाषण के दौरान अचानक भावुक हो गए। यहां उन्होंने कहा कि मैं पहली बार चुनाव के बाद आपके समक्ष में आया हूं।
17 साल सौभाग्य मिला है, मुझे आपका झंडा उठाकर देश के हर कोने में ले जाने का इस बार वो सौभाग्य मुझे नहीं मिला शायद मेरी कोई कमी रह गई। अशोकनगर पहुंचे सिंधिया ने कहा कि आज जब आपके दुख का समय है तो मेरा काम है आपको ढ़ांढ़स बंधना ओर राहत पहुंचना।
इस दौरे के बाद दोनों मंत्री और सारे विधायकों के साथ में मुख्यमंत्री से मिलूंगा। उनके साथ राजस्व मंत्री गोविन्द राजपूत ओर जिले के प्रभारी मंत्री महेंद्र सिंह सिसोदिया भी साथ मे रहे
मुंगावली में भाषण के दौरान हुए भावुक…
लोकसभा चुनाव में हार के बाद पूर्व सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया किसानों की बर्बाद फसलों का जायजा लेने पहली बार पहुंचे क्षेत्र में आए।
मुंगावली में भाषण के दौरान हुए भावुक…
लोकसभा चुनाव में हार के बाद पूर्व सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया किसानों की बर्बाद फसलों का जायजा लेने पहली बार पहुंचे क्षेत्र में आए।
इस बार हुई भारी बारिश के चलते जहां एक ओर जिले के कई क्षेत्रों में बाढ़ से हालात बन गए थे,वहीं अत्यधिक वर्षा के चलते किसानों की फसलें तक चौपट हो गईं। सिंधिया का दर्द…
जानकारों की मानें तो गुना हमेशा ही सिंधिया परिवार की अपनी सीट कहलाती थी, लेकिन इस लोकसभा चुनाव में हुए उल्टफेर के चलते यह सीट सिंधिया परिवार के हाथों से निकल गई।
जानकारों की मानें तो गुना हमेशा ही सिंधिया परिवार की अपनी सीट कहलाती थी, लेकिन इस लोकसभा चुनाव में हुए उल्टफेर के चलते यह सीट सिंधिया परिवार के हाथों से निकल गई।
ऐसे में सिंधिया वंश की गढ़ सीट गुना पर इस बार करीब 20 साल बाद भगवा पार्टी का कब्जा हो गया। गुना लोकसभा सीट में शिवपुरी,पिछोर,कोलारस,बमोरी,गुना,अशोक नगर,चंदेरी,मुंगावली क्षेत्र आते हैं।
1999 में राजमाता विजया राजे सिंधिया के बाद अब एक बार फिर यहां पर भारतीय जनता पार्टी को बड़ी जीत मिली है। 2014 के चुनाव में प्रचंड मोदी लहर के बावजूद यहां पर हार का सामना करने वाली बीजेपी ने इस बार 1 लाख 25 हजार से अधिक वोटों से जीत हासिल की है।
1999 में राजमाता विजया राजे सिंधिया के बाद अब एक बार फिर यहां पर भारतीय जनता पार्टी को बड़ी जीत मिली है। 2014 के चुनाव में प्रचंड मोदी लहर के बावजूद यहां पर हार का सामना करने वाली बीजेपी ने इस बार 1 लाख 25 हजार से अधिक वोटों से जीत हासिल की है।
ऐसे में सिंधिया परिवार की हार का दर्द ज्योतिरादित्य सिंधिया के लिए गहरा रहा। लेकिन वे अपने इस दर्द को छुपा नहीं सके। ये भी बोले सिंधिया ( Emotional statement of scindia ) …
मेरा और आपका रिश्ता मैंने सदैव माना था, हृदय का रिश्ता है। विकास और प्रगति का रिश्ता है और मैंने तो माना था कि एक-एक जन-जन के हृदय के अंदर बसकर एक रिश्ता है।
मेरा और आपका रिश्ता मैंने सदैव माना था, हृदय का रिश्ता है। विकास और प्रगति का रिश्ता है और मैंने तो माना था कि एक-एक जन-जन के हृदय के अंदर बसकर एक रिश्ता है।
17 साल आपकी सेवा करने का सौभाग्य मुझे मिला और जो संभव हो सका वो मैंने कोशिश की। सारथी के साथ भ्रष्टाचार इस क्षेत्र में ना पनपे, विकास हो, प्रगति हो, जन-जन के साथ रिश्ता हो।
लेकिन कहीं ना कहीं शायद उसी में मेरी कमी रह गई। पिछले तीन-साढे 3 महीने से मैं कई कारणवश व्यस्त रहा, मैं आपसे झूठ नहीं बोलूंगा और मेरा कोई राजनीतिक जिम्मेदारी भी नहीं थी, नहीं बाकी रही।
लेकिन जब मैंने सुना क्षेत्र में बाढ़ आई है, मेरी जनता परेशान नहीं, लेकिन मेरे परिवार के लोग परेशान हैं। क्योंकि कई चीज होती है जो मस्तिष्क में नहीं आवाज कर सकते, लेकिन दिल का रिश्ता होता है। उसी समय में मैंने सरकार के राजस्व मंत्री को फोन किया और मैंने उनसे अनुरोध किया कि मैं अपने गांव में जाना चाहता हूं।
आप हमारे साथ चलें। क्योंकि जो मैंने सदैव माना है कि सुख के समय में मैं आपके साथ रहूं या ना रहूं, लेकिन एक सामान्य नागरिक के रूप में, क्योंकि अब यही मेरी हैसियत है। एक सामान्य नागरिक के रूप में जब आपके ऊपर दुख का पहाड़ टूटेगा तो कोई और आए या ना आए, लेकिन सिंधिया परिवार का मुखिया आपके साथ जरूर होगा।
सिंधिया ने मुंगावली विधानसभा के गांवों में किया भ्रमण, बाढ़ और अतिवृष्टि से फसलों को हुए नुकसान का जायजा लिया। इस दौरान उनके साथ मध्य प्रदेश सरकार के राजस्व मंत्री व श्रम मंत्री सहित कलेक्टर डॉ मंजू शर्मा के साथ अन्य सरकारी अमला मौजूद रहा।