भोपाल के लिए रैफर कर दिया
जिले के मलावनी गांव निवासी 29 वर्षीय गुड्ड़ीबाई पत्नी मिथुन अहिरवार तेज दर्द और ब्लीडिंग से परेशान थी। जांच में पता चला कि उसे पथरी है। डॉक्टरों ने ऑपरेशन के लिए कहा तो परिजन उसे लेकर शासकीय अस्पताल गुना लेकर पहुंचे। लेकिन गुना के डॉक्टरों ने उसे भोपाल के लिए रैफर कर दिया।
ऑपरेशन कर पथरी निकाली
भोपाल हमीदिया अस्पताल के डॉक्टरों खून की कमी बताकर एम्स भोपाल जाने की सलाह दी और एम्स ने भी ऑपरेशन के लिए लंबे समय बाद नंबर आने की बात कहकर लौटा दिया। करीब दो महीने भटकने के बाद गुड्ड़ीबाई जिला अस्पताल में भर्ती हुई, जहां डॉ. अजय गहलोत ने ऑपरेशन कर पथरी निकाली।
डॉक्टर ने बताया खतरनाक हो सकती थी देरी
डॉ. अजय गहलोत ने बताया कि मरीज ब्लीडिंग की वजह से कमजोर हो चुकी थीए वह दो महीने से अस्पतालों में ऑपरेशन के लिए भटक रही थी। और देरी खतरनाक हो सकती थी। यहां भर्ती हुई तो ब्लड़ चढ़ाया गया और ऑपरेशन कर पथरी निकाली गई। इससे अब महिला स्वस्थ है।
यहां ड्यूटी पर होने पर भी मरीजों का नहीं किया इलाज
अशोकनगर. प्रबंधन की सख्ती के बाद भी जिला अस्पताल में जिम्मेदारों की मनमानी जारी है। हालत यह है कि बाहर महिलाएं इलाज के लिए इंतजार कर रही थीं और महिला डॉक्टर अंदर हीटर पर हाथ सैंक रही थीं, पूछने पर उन्होंने खुद को ऑफ ड्यूटी बताया। शिकायत पर सिविल सर्जन ने डॉक्टर का एक दिन का वेतन काट दिया।
एक दिन का वेतन काट दिया
मरीजों ने जब शिकायत की कि डॉ. ज्योति दुबे अंदर हीटर पर ताप रहीं हैं और महिलाएं इलाज के लिए उनका इंतजार कर रही हैं। साथ ही मरीजों ने कहा कि पूछने पर डॉक्टर खुद को ऑफ ड्यूटी बता रही हैं। इस पर सिविल सर्जन डॉ. हिमांशु शर्मा ने डॉ. ज्योति दुबे का एक दिन का वेतन काट दिया है।
कार्रवाई की जाएगी
वहीं दवा वितरण कक्ष में बाहरी आदमी दवा वितरण कर रहा था, इस पर सिविल सर्जन ने कर्मचारियों को फटकार लगाई और निर्देश दिए कि अंदर कोई भी बाहरी व्यक्ति को न बिठाएं। साथ ही चेतावनी दी कि यदि फिर से यह हालत मिली तो कार्रवाई की जाएगी।
प्रसूति वार्ड में छत से टपक रहा पानी, फिसलन बढ़ी
नियमानुसार प्रसूति वार्ड में किसी तरह से फर्श गीला या फिसलने वाली टाइल्स या फिसलन नहीं होना चाहिए। लेकिन ट्रामा सेंटर के प्रसूति वार्ड में बने सीजर कक्ष में छत से रात भर पानी टकपता रहा। इससे फर्श गीली हो गई। परिजनों ने वहां भर्ती प्रसूताओं को टपकते पानी से बचाने के लिए उनके पलंगों को साइड में खिसकाया। लेकिन इस पर किसी ने ध्यान नहीं दिया और फिसलन बढऩे से दुर्घटना की आशंका नजर आ रही है।