scriptजिले में 198 महिलाएं निसंतानता और 127 बच्चादानी में समस्या से पीडि़त, 18 में मिले कैंसर के लक्षण | Women's Health | Patrika News

जिले में 198 महिलाएं निसंतानता और 127 बच्चादानी में समस्या से पीडि़त, 18 में मिले कैंसर के लक्षण

locationअशोकनगरPublished: Apr 06, 2019 12:19:43 pm

Submitted by:

Arvind jain

महिला स्वास्थ्य: गांवों में 530 स्वास्थ्य शिविर लगाकर विभाग ने जांचा 16 हजार महिलाओं का स्वास्थ्य। – अब स्वास्थ्य विभाग कराएगा इन महिलाओं का इलाज, 488 महिलाएं रोशनी क्लीनिक के लिए रैफर।

news

जिले में 198 महिलाएं निसंतानता और 127 बच्चादानी में समस्या से पीडि़त, 18 में मिले कैंसर के लक्षण

अशोकनगर. जिले की 198 महिलाएं निसंतानता और 127 महिलाएं बच्चादानी में समस्या से पीडि़त हैं। इसके अलावा 18 महिलाओं में ब्रेस्ट, सर्वाइकल और ओरल कैंसर के लक्षण पाए गए हैं। साथ ही जिले में किशोरी बालिकाएं खून की कमी से पीडि़त हैं। यह खुलासा हुआ है स्वास्थ्य विभाग की जांच रिपोर्ट में। खून की कमी से पीडि़त महिलाओं व किशोरी बालिकाओं का तो मौके पर ही इलाज किया गया, लेकिन गंभीर बीमारियों से पीडि़त महिलाओं का अब स्वास्थ्य विभाग स्वयं ही इलाज कराएगा।


स्वास्थ्य विभाग ने जिलेभर में फरवरी माह से 4 अप्रैल तक गांव-गांव में स्वास्थ्य शिविर लगाकर महिलाओं के स्वास्थ्य की जांच की। 4 अप्रैल तक जिलेभर में 530 शिविर लगाए गए और 16 हजार 315 महिलाओं के स्वास्थ्य की जांच की गई। जिसमें 3400 गर्भवती महिलाएं, 8300 अगर्भवती महिलाएं और 4615 किशोरी बालिकाओं के स्वास्थ्य की जांच की गई। स्वास्थ्य विभाग के डीपीएम दीपक सिसोदिया के मुताबिक गांव-गांव में लगाए गए इन शिविरों की रिपोर्ट में 198 महिलाएं निसंतानता से पीडि़त मिलीं और 127 महिलाओं के बच्चादानी में समस्या पाई गई।

इसके अलावा जिलें में 9 महिलाएं ब्रेस्ट कैंसर, तीन सर्वाइकल कैंसर और छह महिलाओं में ओरल कैंसर के लक्षण मिले हैं। जिनमें कैंसर की जांच होगी। साथ ही 45 गर्भवती महिलाएं गंभीर एनीमिक पाई गईं और 58 महिलाएं हाईपरटेंशन से पीडि़त मिलीं। इसके अलावा अन्य महिलाओं का मौके पर ही इलाज किया गया और 488 महिलाओं को जिला अस्पताल में संचालित रोशनी क्लीनिक के लिए रैफर किया गया है। ताकि महिला रोग विशेषज्ञों द्वारा उन महिलाओं की जांच कराई जा सके।

डॉक्टर और नर्स के साथ फार्मासिस्ट की लगाई थी ड्यूटी-

महिलाओं का स्वास्थ्य जांचने के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा ग्राम स्तर पर शिविर आयोजित किए गए। इसके लिए पहले तो कलेण्डर तैयार किया गया और हर गांव की तारीख निर्धारित की। निर्धारित तारीख में स्वास्थ्य शिविर में एक डॉक्टर, नर्स और फार्मासिस्ट की ड्यूटी लगाई गई थी। जिन्होंने जांच के बाद महिलाओं का मौके पर ही इलाज किया। साथ ही शिविर में ठीक न हो पाने वाली महिलाओं को ब्लॉकस्तर के लिए रैफर किया गया। हालांकि विभाग का कहना है कि अभी कई शिविर और शेष रह गए हैं, जो ग्रामीण स्तर पर आयोजित किए जा रहे हैं।

ब्लॉक व जिलास्तर पर की जाएगी जांच-
ग्राम स्तर पर आयोजित शिविर में पाए गए मरीजों को ब्लॉक स्तर के लिए रैफर किया गया है, जिनका 12 से 22 अप्रैल तक ब्लॉक स्तर पर होने वाले शिविरों में इलाज होगा। लेकिन जो मरीज ब्लॉकस्तरीय शिविरों में ठीक नहीं हो सकेंगे, उनका जिलास्तरीय शिविर में इलाज किया जाएगा। सीएमएचओ का कहना है कि जिन मरीजों का जिलास्तर पर इलाज नहीं हो पाएगा, उन्हें प्रदेश की अन्य बड़ी अस्पतालों के लिए रैफर किया जाएगा।

ग्रामीण स्वास्थ्य शिविरों पर एक नजर-
– 530 स्वास्थ्य शिविर लगाए गए
– 3400 गर्भवती महिलाओं की जांच हुई
– 8300 अगर्भवती महिलाओं की जांच हुई
– 4615 किशोरी बालिकाओं की जांच हुई
– 198 महिलाएं निसंतानता से पीडि़त
– 58 महिलाएं हाईपरटेंशन से पीडि़त
– 28 महिलाओं में डायबिटीज की पहचान
– 45 गर्भवती महिलाएं गंभीर एनीमिक
– 18 महिलाओं में केंसर के लक्षण मिले
– 127 में प्रोलेस यूटरस की समस्या
– 46 महिलाएं अधिक रक्तस्राव से पीडि़त

छोटी समस्या मानकर अस्पताल तक आ पाने वाली महिलाओं के स्वास्थ्य की जांच के लिए शिविर लगाए गए थे। साथ ही महिलाओं का मौके पर ही इलाज किया गया। वहीं जो महिलाएं गंभीर बीमारी से पीडि़त हैं और जिलास्तर पर उनका इलाज नहीं सकता तो उनका विभाग द्वारा प्रदेश की अन्य अस्पतालों में इलाज कराया जाएगा। – डॉ.जेआर त्रिवेदिया, सीएमएचओ अशोकनगर

22 परिवारों को दी 15 दिन की राशन सामग्री, ताकि भूखे न रहें यह परिवार


हाईकोर्ट के आदेश पर सरकारी जमीनों पर स्थित मकानों को तोड़े जाने के बाद बेघर हुए परिवारों की मदद के लिए अब समाजसेवी आगे आने लगे हैं। रात के समय समाजसेवियों ने गांव पहुंचकर ग्रामीणों से मुलाकात की और 22 परिवारों को 15-15 दिन की राशन सामग्री वितरित की। ताकि यह परिवार इस सामग्री से आसानी से भोजन बना सकें।

अतिक्रमण टूटने से राजपुर कस्बे में कई ऐसे परिवार भी हैं, जिनकी आर्थिक स्थिति दयनीय हो चुकी है। रहने के लिए मकान न बचने से प्रशासन ने उन्हें छात्रावास और स्कूल में ठहरा दिया है। पत्रिका ने इन बेघर हो चुके परिवारों की मदद के लिए जिलेवासियों से अपील की थी।

गुरुवार शाम को संवेदना ट्रस्ट के संयोजक व समाजसेवी जितेंद्र कोठारी और हल्लाबोल संघर्ष समिति गांव पहुंची। छात्रावास और स्कूल में रह रहे 22 परिवारों को चिन्हित कर आटा, दाल, पोहा, तेल, मसाले सहित खाने का सामान पैकेटों में पैक करके दिया गया। समिति के नीरज जैन ने बताया कि गुरुवार शाम 15 परिवारों को यह 15 दिन की राशन सामग्री दी गई और शेष बचे सात परिवारों को शुक्रवार को राशन सामग्री भिजवाई गई है।

साथ ही समाजेसवी जितेंद्र कोठारी ने उन परिवारों को अपना मोबाइल नंबर भी दिया और कहा कि जरूरत पडऩे पर बेझिझक फोन करें। उनका कहना है कि 15 दिन बाद फिर से गांव जाकर सामग्री दी जाएगी। जितेंद्र कोठारी ने कहा कि मकान न होने से यह परिवार मजदूरी करने भी नहीं जा पा रहे हैं, इसलिए इन परिवारों की मदद की योजना बना रहे हैं।
अन्य संस्थाओं ने भी कही मदद की बात-
अन्य सामाजिक संगठनों और संस्थाओं ने भी इन ग्रामीणों की मदद करने की बात कही है। लोगों का कहना है कि इन परिवारों को मुख्य रूप से पुनर्वास की जरूरत है, इसके लिए सामाजिक संस्थाओं द्वारा उन परिवारों की मदद की जाएगी। वहीं रोटरी क्लब के अध्यक्ष दयासिंह संधु सहित अन्य संस्थाओं ने मदद के लिए जल्दी ही गांव पहुंचने की बात कही है।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो