एशिया

मिस्त्र में खोजा गया 18वें राजवंश का मकबरा

लक्सोर शहर के पास गोर्ना में नील नदी के पश्चिमी तट पर मिला मकबरा, दीवारों पर अंतिम संस्कार के दृश्य

Mar 12, 2015 / 08:31 pm

युवराज सिंह

काहिरा। अमरीकी पुरातत्वविदों ने मिस्त्र के पुरावशेष मंत्रालय की मदद से दक्षिणी मिस्त्र में एक प्राचीन मकबरे का पता लगाया है। यह मकबरा लक्सोर शहर के पास गोर्ना में नील नदी के पश्चिमी तट पर मिला है। विशेषज्ञों का कहना है कि यह मकबरा संभवत: 1554 से 1304 ईसापूर्व 18वें राजवंश के समय का है। मिस्त्र के पुरावशेष मंत्रालय ने एक बयान में कहा है कि यह मकबरा सा-मुट और उसकी पत्नी ता जैत का हो सकता है, जो 18वें राजवंश के अंतर्गत नवीन साम्राज्य के शासन के दौरान यहां रहते थे।

दीवारें पर उकरे हैं दृश्य
तहखाने की दीवारें प्राचीन मिस्त्र के दैनिक जीवन के कई दृश्य दर्शाती हैं। इसमें दीवारों पर मकबरे के मालिक और उसके परिवार की गतिविधियां और अंतिम संस्कार के दृश्य भी हैं। यह मकबरा उस काल के दैनिक विवरण के खुलासे में अद्वितीय माना जा रहा है। एक सप्ताह पहले मिस्त्र के अधिकारियों ने प्राचीन देवता एमम के द्वारपाल के मकबरे की खोज की घोषणा की थी। वह भी 18वें राजवंश के समय का था। उसका पता भी इस पुरातत्वविद दल ने लगाया था।

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