सूत्रों के अनुसार 1947 में बंटवारे के बाद इस गुरुद्वारे की इमारत को लड़कियों के स्कूल में तब्दील कर दिया गया था। इस स्कूल की छात्राओं को अब दूसरे स्कूलों में शिफ्ट किया जा चुका है। पांच माह पहले बलूचिस्तान (Balochistan) की सरकार ने हिंदू समुदाय को दो सौ साल पुराना मंदिर सौंपा था। इसके बाद से सिखों को काफी उम्मीद थी कि गुरुद्वारों को उनके समुदाय को सौंपा जाएगा।
पाकिस्तान सिख गुरुद्वारा कमिटी के अध्यक्ष सतवंत सिंह के अनुसार गुरुद्वारा श्री गुरु सिंह सभा कई प्रयासों के बाद समुदाय को वापस मिला है। फरवरी में बलूचिस्तान प्रशासन ने घोब में हिंदू समुदाय को एक मंदिर भी वापस किया था। पाकिस्तान में कई हिंदू मंदिरों पर कट्टरपंथियों का कब्जा है।
हाल ही में इस्लामाबाद (Islamabad) में कृष्ण मंदिर के निर्माण को लेकर काफी बवाल हुआ था। इस मंदिर के निर्माण के लिए पाकिस्तान की सरकार भी फंड दे रही थी। मगर कंट्टरपंथियों ने इसमें रोड़ा लगा दिया। यहां तक की जमीन की नीव को भी नुकसान पहुंचाया गया। यहां कई लोगों ने आजन भी पढ़ी। यह मामला अभी कोर्ट में है। मगर इससे पहले की कट्टरपंथियों ने इस जमीन को छीन लिया है।