जकार्ता। इंडोनेशिया पुलिस ने जकार्ता में हुए सिलसिलेवार धमाकों के मामले में में तीन संदिग्धों को गिरफ्तार किया है। आइएस ने इन हमलों की जिम्मेदारी लेते हुए कहा है कि उसके निशाने पर विदेशी नागरिक और सुरक्षा बल थे। बता दें कि गुरुवार को हुए इन बम धमाकों में एक पुलिस अधिकारी और कनाडा के एक नागरिक की मौत हो गई। हॉलैंड के एक नागरिक सहित 17 अन्य घायल हो गए। पांच हमलावर मारे गए, जबकि दो को दबोचने में पुलिस सफल रही। गौरतलब है कि यह हमला मध्य जकार्ता के थामरिन स्ट्रीट इलाके में हुआ जहां पर संयुक्त राष्ट्र का दफ्तर और कई दूतावास मौजूद हैं। पुलिस के मौके पर पहुंचते ही अन्य हमलावरों ने गोलियां चलानी शुरू कर दी। करीब तीन घंटे तक चली इस गोलीबारी के बाद कहीं मामला शांत होता दिखाई दिया। बता दें कि जुलाई 2009 में जकार्ता के रिट्ज और मैरियट होटल में हुए बम धमाके के बाद जकार्ता में यह पहला बड़ा हमला है। आतंकरोधी पुलिस इस आतंकी संगठन से जुड़े 20 संदिग्धों की तलाश कर रही है। पेरिस हमलों के बाद आइएस की ओर से मिली धमकियों के कारण इंडोनेशिया पहले से ही अलर्ट पर था। गौरतलब है कि दुनिया में सबसे ज्यादा मुस्लिम आबादी इंडोनेशिया में रहती है। यहां पहले भी मुस्लिम कट्टरपंथी हमलों को अंजाम देते रहे हैं। सबसे भीषण हमला 12 अक्टूबर 2002 को बाली के एक नाइटक्लब में हुआ था। इस हमले में 202 लोगों की जानें गई थीं।