गलवान घाटी में मारे गए चीनी सैनिकों के आंकड़ों पर सवाल उठाने वाले 3 पत्रकार गिरफ्तार
HIGHLIGHTS
- तीनों पत्रकारों पर पर सेना की शहादत का अपमान करने का आरोप लगाया गया है।
- गिरफ्तार किए गए तीन पत्रकारों में किउ जिमिंग का नाम भी शामिल है।

बीजिंग। पूर्वी लद्दाख में भारत-चीन के बीच तनाव का माहौल अभी भी बरकरार है, हालांकि दोनों देशों की सेना के बीच कई दौर के वार्ता के बाद कुछ बिन्दुओं पर सहमति बनी है और उसपर अमल किया जा रहा है। इस बीच बीते दिनों चीन ने पिछले साल गलवान घाटी में हुई हिंसक घटना में मारे गए चीनी सैनिकों के आंकड़े को पहली बार आधिकारिक तौर पर स्वीकार किया था। चीन ने बताया था कि गलवान हिंसा में उसके चार सैनिक मारे गए थे।
इस आंकड़े को लेकर कई तरह के सवाल उठने लगे। कई मीडिया रिपोर्ट्स में पहले ये बताया जा चुका था कि चीन के 40 से अधिक जवानों की मौत हुई है, लेकिन अब जब चीन ने आधिकारिक तौर पर मरने वालों की संख्या सिर्फ चार बताई है तो इसपर चीन के कुछ पत्रकारों ने संदेह जताया।
इसपर चीन सरकार ने कड़ी कार्रवाई करते हुए तीन पत्रकारों को गिरफ्तार कर लिया है। इन तीनों पत्रकारों पर पर सेना की शहादत का अपमान करने का आरोप लगाया गया है। गिरफ्तार किए गए तीन पत्रकारों में किउ जिमिंग का नाम भी शामिल है।
तीन चीनी पत्रकार गिरफ्तार
38 वर्षीय किउ इकनॉमिक ऑब्जर्वर के साथ काम कर चुके हैं। उन्होंने इस चीनी सरकार के आंकड़े पर सवाल उठाया, जिसके बाद शनिवार को गिरफ्तार कर लिया गया। बता दें कि गलवान हिंसा के बाद एक अमरीकी खुफिया रिपोर्ट में दावा किया गया था कि इस झड़प में कम से कम 35 चीनी जवानों की मौत हुई है। जबकि अन्य मीडिया रिपोर्ट्स में ये कहा गया है कि 40 से अधिक चीनी जवान मारे गए थे।
बता दें कि किउ ने चीन सरकार की ओर से जारी किए गए आंकड़ों को लेकर सोशल मीडिया पर टिप्पणी की थी। साथ ही इतनी देरी से आंकड़े बताने पर भी संदेह जताया था। उन्होंने चीनी सोशल मीडिया पर लिखा 'भारत के नजरिए से देखा जाए तो वे जीत भी गए और कीमत भी कम चुकाई।' इस टिप्पणी के बाद किउ को गिरफ्तार कर लिया गया।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, जिन अन्य दो लोगों को गिरफ्तार किया गया है वे दोनों ब्लॉगर हैं। रविवार को एक ब्लॉगर को बीजिंग से अरेस्ट किया गया था, वहीं 25 वर्ष के एक ब्लॉगर यांग को दक्षिण पश्चिमी सूबे सिचुआन से अरेस्ट किया गया था।
मालूम हो कि चीन ने शुक्रवार को बताया था कि गलवान हिंसा में उसके चार सैनिक मारे गए थे और एक सैनिक की बाद में मौत हो गई थी। गौरतलब है कि पिछले साल 15 जून को चीनी सैनिकों ने भारतीय सैनिकों पर अचानक हमला बोल दिया था, इसके जवाब में भारतीय सेना ने जवाबी कार्रवाई की। इस झड़प में भारत के 20 जवान शहीद हो गए थे।
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