scriptइंडोनेशिया में भयानक ज्वालामुखी विस्फोट, हवा में 6 किलोमीटर तक फैली राख, अलर्ट जारी | A volcanic eruption in Indonesia, 6 kilometers of ashes in the air | Patrika News

इंडोनेशिया में भयानक ज्वालामुखी विस्फोट, हवा में 6 किलोमीटर तक फैली राख, अलर्ट जारी

locationनई दिल्लीPublished: Jun 01, 2018 04:39:44 pm

Submitted by:

Anil Kumar

इंडोनेशिया के सबसे सक्रिय ज्वालामुखी माउंट मेरापी में शुक्रवार को जबरदस्त विस्फोट हुआ।

इंडोनेशिया के माउंट मेरापी में ज्वालामुखी विस्फोट

इंडोनेशिया में भयानक ज्वालामुखी विस्फोट, हवा में 6 किलोमीटर तक फैली राख, अलर्ट जारी

नई दिल्ली। अमरीका के हवाई द्वीप में सबसे घातक ज्वालामुखी विस्फोट के बाद अब इंडोनेशिया के सबसे सक्रिय ज्वालामुखी माउंट मेरापी में शुक्रवार को जबरदस्त विस्फोट हुआ। विस्फोट इतना भयानक था की हवा में 6 किलोमीटर तक इसकी राख फैल गई। राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन एजेंसी के प्रवक्ता सुतोपो पुरवो नुग्रोहो ने कहा कि योग्याकार्ता व मध्य जावा प्रांत की सीमा पर स्थिति माउंट मेरापी में सुबह 8.20 स्फोट हुआ और ज्वालामुखी के मुंख से राख पश्चिम की तरफ फैल रही है।

तत्काल प्रभाव से अलर्ट जारी

आपको बता दें कि सुतोपो पुरवो नुग्रोहो ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि “एक रेड वोना (वालकैनो ऑब्जर्वेटरी नोटिस फॉर एविएशन) अलर्ट तत्काल प्रभाव से जारी किया गया है।” उन्होंने नोटिस के उच्चतम स्तर का जिक्र करते हुए कहा कि विमानों को ज्वालामुखी के क्षेत्र से गुजरने की अनुमति नहीं है। सुतोपो ने बताया कि जैसे-जैसे समय गुजरेगा इसके हालात के स्तर भी बदल सकता है। आपको बता दें कि वाल्कैनोलॉजी एजेंसी ने बताया कि माउंट मेरापी में हुए स्फोट से हवा में जहरीली गैसें घुल गईं। ज्वालामुखी के चेतावनी स्तर को ज्वालामुखी के मुख से तीन किमी के दायरे में नो-गो जोन के साथ तीसरे उच्चतम स्तर तक बढ़ा दिया गया है। बता दें कि योग्याकार्ता शहर से मेरापी 28 किमी उत्तर में स्थित है। शहर की आबादी 24 लाख है और हजारों लोग ज्वालामुखी के नजदीक रहते हैं। इंडोनेशिया के 129 सक्रिय ज्वालामुखियों में से एक मेरापी में साल 1948 से लगातार स्फोट हो रहा है।

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हवाई में हुआ था भीषण ज्वालामुखी विस्फोट

गौरतलब है कि अमरीका के हवाई द्वीप में ज्वालामुखी विस्फोट ने जमकर तबाही मचाई थी। इस हादसे में 21 घर तबाह हो गए थे, जबकि 1700 लोगों को अपना घर छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा था। किलाऊ ज्वालामुखी के फटने से आसपास के इलाकों में नर्क जैसे हालात हो गए थे। अभी भी पूरे इलाके में खतरा बना हुआ है और लोग अपने घर जाने से डरते हैं।

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