आतंकी हमले पाकिस्तान के इशारों पर हामिद करजई ने कुछ माह पहले भी कहा था कि अफगानिस्तान में अधिकतर आतंकी हमले पाकिस्तान के इशारों पर होते आए हैं। अफगानिस्तान के रक्षा मंत्री ने भी करजई की बात का पूरा समर्थन किया था। करजई ने शुक्रवार को पाक सीमा पर हुई फायरिंग पर अफसोस व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि ईद के ठीक पहले हुई इस घटना से दोनों देशों के रिश्तों बेहद नाजुक स्थिति में हैं। करजई ने पाक से कहा कि उसे अब अपने पड़ोसियों से संबंध सुधारने चाहिए। उसे दोस्ती कायम रखने का प्रयास करना चाहिए।
लगातार हो रही हैं आतंकी घटनाएं गौरतलब है कि अफगानिस्तान की जलालाबाद जेल में रविवार को देर रात दो धमाके हुए थे। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार आतंकियों ने जेल के बाहर आत्मघाती हमले कर कई सुरक्षाबलों को मौत के घाट उतार दिया। जेल के भीतर फायरिंग की आवाजें भी सुनाई दीं। इसके बाद जेल की ऊपरी मंजिल पर आतंकवादी दाखिल हो गए। नंगरहार प्रांत के गवर्नर के अनुसार हमलावरों ने जेल के पास बने बाजार में अपनी पोजिशन ले रखी थी। इस दौरान उन्होंने सुरक्षाबलों पर ताबड़तोड़ फायरिंग की। इस दौरान कई कैदी फरार हो गए। तालिबान के प्रवक्ता जबीहुल्ला मुजाहिद का कहना है कि यह हमला उन्होंने नहीं किया है। 12 मई को यहां पर हुए आत्मघाती हमले में 32 लोगों की जान चली गई थी।
अमरीका ने साधी चुप्पी पाकिस्तानी सेना के हमले के बाद से ही दोनों देशों की सीमा पर काफी तनाव देखने को मिल रहा है। अफगानिस्तान का कहना है कि पाकिस्तान की सेना ने उसके बेगुनाह नागरिकों को मौत के घाट उतार रही है। इसमें 22 लोगों की मौत हो गई है, वहीं 50 से ज्यादा घायल हैं। इस मामले को लेकर अमरीका ने अभी तक कोई बयान नहीं दिया है। हालांकि उसका भी मानना है कि पाकिस्तानी सेना अफगान तालिबान और खासतौर पर हक्कानी नेटवर्क की सहायता करती है।