गौर हो, पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी की पद संभालने के बाद काबुल की यह दूसरी यात्रा होगी। वह भी इसमें शामिल होने के लिए जा रहे हैं। बता दें, पाकिस्तान और अफगानिस्तान अपनी सीमाओं पर सक्रिय तालिबान तथा अन्य आतंकी समूहों से लड़ने में नाकाम रहने के लिए लंबे समय से एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगा रहे हैं।
जबकि चीन ने व्यापारिक संबंध बढ़ाने के लिए पाकिस्तान को अरबों डॉलर दिए हैं। दोनों देशों के बीच एशिया में व्यापार संपर्क बढ़ाने के लिए चीन ‘वन बेल्ट, वन रोड’ नीति से जुड़ा हुआ है।