चीनी जवान सीमा से लगते एक गांव के पास तक पहुंच गए थे। डोकलाम में टकराव की स्थिति के बाद दोनों पड़ोसी देशों के बीच पैदा तनाव अभी पूरी तरह से खत्म भी नहीं हुआ कि चीन की ओर से एक और उकसाने वाली हरकत सामने आई है। ये घुसपैठ दिसंबर के आखिरी सप्ताह की बताई जा रही है। हैरानी वाली बात ये है कि जिस वक्त चीनी सेना अरुणाचल प्रदेश में घुसपैठ कर रही थी, उस वक्त दोनों देशों के बीच विशेष प्रतिनिधि स्तर की वार्ता हो रही थी। भारत की ओर से राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और चीन की ओर से पोलित ब्यूरो के सदस्य यांग जेईची इसमें हिस्सा ले रहे थे।
खबरों के मुताबिक, चीनी सैनिकों के भारत की सीमा में घुस आने की जानकारी उसी इलाके के गांववालों ने दी थी। गांववालों ने आईटीबीपी और भारतीय सेना को बताया था कि चीनी सैनिक सड़क निर्माण सामग्री के साथ भारत की सीमा में घुस रहे हैं।
हालांकि ऊपरी शियांग जिले के उपायुक्त डुली कामडुक ने चीनी घुसपैठ की घटना से इनकार किया है। उन्होंने बताया कि टूटिंग में मौजूद अधिकारियों ने चीनी जवानों के भारतीय क्षेत्र में घुसने की जानकारी नहीं दी है। साथ ही सशस्त्र बलों की ओर से भी ऐसी कोई सूचना नहीं दी गई है। सेना के प्रवक्ता ने इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी। वहीं चीन ने भी इस घुसपैठ की जानकारी होने से इनकार किया है। चीनी मीडिया में चल रही खबरों की मानें तो चीन का यही मानना है कि उसे इस घुसपैठ की जानकारी नहीं थी। चीनी विदेश मंत्रालय की तरफ से दिए गए बयान में कहा गया है कि भारत के साथ सीमा विवाद पर चीन का रूख साफ और स्पष्ट है, फिलाहल अरूणाचल के मामले की जानकारी नहीं है।
आपको बता दें कि भारत और चीन के जवान पिछले साल सिक्किम सेक्टर के डोकलाम में आमने-सामने आ गए थे। 73 दिनों की तनातनी के बाद 28 अगस्त को दोनों देशों की रजामंदी से ये विवाद सुलझा था। इसके चार महीने बाद अरुणाचल में चीन द्वारा घुसपैठ करने का मामला सामने आया है।