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Xijinping के आदेश के बाद तिब्बत के स्कूली पाठक्रम में होगा बदलाव, पहचान बदलने की साजिश

locationनई दिल्लीPublished: Aug 31, 2020 03:37:38 pm

Submitted by:

Mohit Saxena

Highlights

चीनी अधिकारियों के अनुसार इससे तिब्बत (Tibet) के लोगों में चीन के प्रति सोच और धारणा में बदलाव होगा।
जल्द यहां पर बच्चों को चीन से जुड़ाव वाले पाठक्रमों को पढ़ाया जाएगा।

Xi jinping

China persident Xi jinping

बीजिंग। चीनी (China) राष्ट्रपति शी जिनपिंग (Xi jinping) ने बीते दिनों तिब्बत (Tibet) को चीनी संस्कृति से जोड़ने के आह्वान के साथ ही नए-नए कदम उठने शुरू हो गए हैं। चीन ने यहां स्कूलों के पाठक्रमों को बदलने का प्रयास शुरू कर दिया है। जल्द यहां पर बच्चों को चीन से जुड़ाव वाले पाठक्रमों को पढ़ाया जाएगा।

चीनी अधिकारियों के अनुसार इससे तिब्बत के लोगों में चीन के प्रति सोच और धारणा में बदलाव होगा। राष्ट्रपति शी जिनपिंग के अनुसार तिब्बत को चीन की राष्ट्रीय एकता से जोड़ा जाना चाहिए, जिससे वे अलगाववाद के खिलाफ खुद खड़े हो सकेंगे।
जिनपिंग तिब्बत की जिस सोच में बदलाव की बात कह रहे हैं, वह वहां की सांस्कृतिक पहचान में बदलाव की बात है। दरअसल शी ने पार्टी कार्यक्रम में कहा, तिब्बत के स्कूलों में राजनीतिक और विचारधारा वाली शिक्षा दी जाए, जिससे उनमें पढ़ने वाले छात्र चीन के साथ जुड़ाव महसूस करें। उनके दिलों में चीन के लिए प्यार उमड़े। इस दौरान जिनपिंग ने तिब्बत में कम्युनिस्ट पार्टी को मजबूत करने पर जो दिया। लोगों को पार्टी की विचारधारा से जोड़ने की बात कही।
दलाई लामा ने साधा निशाना

वहीं भारत में निर्वासित जीवन जी रहे तिब्बत के आध्यात्मिक गुरु दलाई लामा इसे सांस्कृतिक नरसंहार कहा है। उन्होंने तल्ख लहेजे में कहा कि चीन तिब्बत की पहचान मिटाना चाहता है। वह तिब्बतियों को उनकी पहचान से दूर ले जाना चाहता है। इससे वे मानसिक रूप से चीन के गुलाम बन जाएंगे।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार ‘तिब्बत वर्क’ पर सातवें केंद्रीय सम्मेलन को संबोधित करते हुए शी जिनपिंग ने कहा कि वे ऐसे तिब्बत का निर्माण करने के प्रयास कर रहे हैं, जो संयुक्त, संपन्न, सांस्कृतिक रूप से उन्नत, समरसता से पूर्ण हो। दरअसल चीन चाहता है कि तिब्बत उसके शासन को बिना किसी विरोध के अपना ले। इसके लिए वह वह तिब्बत की आने वाली पीड़ी की सोच बदलना चाहता है।

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