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देशहित के खिलाफ काम कर रहे हैं राजदूत उपाध्याय: नेपाल सरकार

Published: May 08, 2016 01:32:00 pm

नेपाल सरकार ने भारत में नियुक्त अपने राजदूत दीप कुमार उपाध्याय को वापस बुलाने के फैसले के पक्ष में कई तर्क दिए हैं

deep kumar upadhyay

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काठमांडू। नेपाल सरकार ने भारत में नियुक्त अपने राजदूत दीप कुमार उपाध्याय को वापस बुलाने के फैसले के पक्ष में कई तर्क दिए हैं। सरकार ने उपाध्याय पर गंभीर आरोप लगाते हुए उनके खिलाफ कार्रवाई करने के पीछे 3 मुख्य कारण गिनाए हैं। उपाध्याय पर ‘देशहित के खिलाफ काम करने का आरोप है। रक्षामंत्री भीम रावल ने उपाध्याय पर अपनी ही सरकार के फैसलों के विरोध में जाने का आरोप लगाते हुए कहा, ‘अधिकारियों को चाहिए कि वे सरकार के निदेर्शो को पालन करें और कूटनीतिक व्यवहारों का पालन करें। मालूम हो कि नेपाल ने शुक्रवार को उपाध्याय पर सरकार के साथ असहयोग करने और सरकार के विरुद्ध गतिविधियों में शामिल होने का आरोप लगाते हुए उन्हें वापस नेपाल बुलाने का आदेश जारी किया था।

उपाध्याय पर सरकार को गिराने की साजिश में संलिप्त होने का भी आरोप लगा है। उपाध्याय नेपाल की विपक्षी पार्टी नेपाली कांग्रेस के नेता हैं। उन्हें भारतीय राजदूत के तौर पर नियुक्त किया गया था। माना जा रहा है कि उपाध्याय नेपाल की राष्ट्रपति विद्या देवी भंडारी की प्रस्तावित भारत यात्रा के रद्द होने का पहला शिकार बन गए हैं। उनपर विपक्षी पार्टी का पक्ष लेने का भी आरोप है। कहा जा रहा है कि नेपाली कांग्रेस प्रधानमंत्री ओली की सरकार को गिराने की कोशिशों में माओवादी पार्टी की मदद कर रही है। ऐसे में उपाध्याय पर भी सरकार विरोधी गतिविधियों में शामिल होने का आरोप लग गया है।

रक्षामंत्री रावल ने कहा कि उपाध्याय पर भी सरकार को गिराने की साजिश में शामिल होने का आरोप है। उनपर अपने अधिकार क्षेत्र के उल्लंघन का भी इल्जाम लगाया गया है। रावल ने कहा कि उपाध्याय ने बिना अपनी सरकार को सूचना दिए नेपाल में नियुक्त भारतीय राजदूत रंजीत राय के साथ पश्चिमी नेपाल के कुछ जिलों का दौरा किया।

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