scriptबांग्लादेश की पाकिस्तान को कड़ी चेतावनी, कहाः हमारे आतंरिक मामलों से रहे दूर | Bangladesh To Pakistan: Quasem Hanging Is Our Internal Matter | Patrika News

बांग्लादेश की पाकिस्तान को कड़ी चेतावनी, कहाः हमारे आतंरिक मामलों से रहे दूर

Published: Sep 05, 2016 11:36:00 am

Submitted by:

Abhishek Tiwari

एहसन ने कहा कि मीर कासिम अली की फांसी पर पाकिस्तान ने जो
प्रतिक्रिया जतायी वह पूरी तरह से बांग्लादेश के आंतरिक मामलों में
हस्तक्षेप के समान है

Mir Quasem Ali Hanged In Bangladesh

Mir Quasem Ali Hanged In Bangladesh

ढाका। बांग्लादेश ने पाकिस्तान की उच्चायुक्त को तलब किया और देश के आंतरिक मामलों में उसके हस्तक्षेप पर विरोध जताया। पाकिस्तान ने कहा था कि वह जमात नेता और 1971 के युद्ध अपराधी मीर कासिम अली की फांसी से बहुत दुखी है। बांग्लादेश के द्विपक्षीय मामलों के लिए अतिरिक्त विदेश सचिव कमरुल एहसन ने पाकिस्तान की उच्चायुक्त समीना मेहताब को तलब किया और पाकिस्तान की प्रतिक्रिया पर विरोध दर्ज कराया।

एहसन ने बैठक के बाद कहा कि मीर कासिम अली की फांसी पर पाकिस्तान ने जो प्रतिक्रिया जतायी वह पूरी तरह से बांग्लादेश के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप के समान है। पाकिस्तान ने 63 वर्षीय मीडिया दिग्गज को फांसी दिये जाने के कुछ ही घंटे बाद प्रतिक्रिया जताई थी। मीर कासिम 1971 युद्ध के दौरान हुए युद्ध अपराधों के लिए फांसी पर लटाकाये गए छठे इस्लामी नेता हैं।

पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि वह प्रमुख नेता को एक त्रुटिपूर्ण न्यायिक प्रक्रिया के जरिये फांसी दिये जाने पर बहुत दुखी है। एहसन ने कहा कि उन्होंने पाकिस्तान की उच्चायुक्त से कहा कि मीर कासिम की सुनवाई बहुत ही पारदर्शी तरीके से सभी के सामने हुई। अधिकारियों ने कहा कि दोनों वरिष्ठ राजनयिकों के बीच बैठक 20 मिनट तक चली। एहसन के कार्यालय से बाहर आने के बाद मेहताब ने कहा कि बहुत कुछ कहने को नहीं है।

बांग्लादेश के विदेश कार्यालय ने पाकिस्तानी राजनयिक को तलब करने के तत्काल बाद एक बयान जारी करके कहा कि मेहताब को एक नोट वर्बल दिया गया जिसमें कहा गया कि पाकिस्तान ने बार-बार मानवता और नरसंहार के लिए दोषी ठहराये गए बांग्लादेशियों का पक्ष लिया है। बयान में कहा गया कि पाकिस्तान ने एक बार फिर बांग्लादेश के 1971 के मुक्ति संग्राम के दौरान अंजाम दिये गए जनक्रूरता अपराधों में अपनी सीधी संलिप्तता और मिलीभगत स्वीकार की है। ऐसा करके वह बांग्लादेश के न्याय सुनिश्चित करने एवं 45 वर्ष पहले किये गए अपराधों के लिए दंड मुक्ति की संस्कृति को तोड़ने के लिए किये जा रहे प्रयासों का भी लगातार विरोध कर रहा है।

इसमें कहा गया कि पाकिस्तान के उच्चायुक्त को याद दिलाया गया कि पाकिस्तान 1974 के त्रिपक्षीय समझौते के मूल आधार पर भ्रामक, सीमित और आंशिक व्याख्या प्रस्तुत करना जारी रखे हुए है। इसमें कहा गया कि त्रिपक्षीय समझौता किसी भी तरह से बांग्लादेश को अपने स्वयं के नागरिकों को युद्ध अपराधों, नरसंहार और मानवता के खिलाफ अपराधों के लिए मुकदमा चलाने से नहीं रोकता।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो