पद्मा नदी पर 20 किलोमीटर के पुल बनाने की योजना
बांग्लादेश को वहां की पद्मा नदी पर 20 किलोमीटर के पुल बनाने की योजना में है। इस पुल पर रेल और सड़क दोनों रास्ते होंगे। इस पुल के खर्च के लिए पहले चीन की ओर से मदद की खबरे आईं हैं। लेकिन अब रिपोर्ट आई है कि इसपर लगने वाले अनुमानित 30 हजार करोड़ के खर्च को बांग्लादेश की शेख हसीना सरकार खुद वहन करेगी। मामले से जुड़े एक सूत्र के मुताबिक इस परियोजना के लिए किसी तरह की अंतरराष्ट्रीय फंडिंग लेने से इनकार किया गया है। सरकार ने कर्ज या किसी तरीके की देनदारी से बचने के लिए अपना पैसा लगाने का निर्णय लिया है। हालंकि ये निर्माण कब तक पूरा कर लिया जाएगा, इस बारे में कुछ जानकारी नहीं मिली है।
भारत के करीबी देशों पर चीन की नजर
चीन इस वक्त भारत के कई पड़ोसी देशों पर अपनी नजर गड़ाए हुए है। बांग्लादेश भारत के कुछ खास करीबी देशों में से एक है, इसलिए चीन की नजर इसपर भी है। ड्रैगन इन देशों को फंसाकर कर्ज की ओर धकेलने की योजना में था, लेकिन बांग्लादेश ने कई देशों को देखकर पहले ही संभल जाने का फैसला लिया है। जानकारी के मुताबिक बांग्लादेश ने ये निर्णय नेपाल, श्री लंका और मालदीव की दशा देखकर लिया है, जिनकी चीन ने कर्ज के जाल में फंसाकर हालत खराब कर दी।
भारत के खिलाफ चीन
चीन बीते वर्ष से ही भारत के खिलाफ साजिश रच रहा है। ड्रैगन की चाल कभी प्रत्यक्ष तो कभी अप्रत्यक्ष रुप से देखने को मिली है। पिछले साल हुए डोकलाम विवाद को ले लें या भारत के लगातार विरोध के बाद भी चीन ने पाक के साथ सीपेक (चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा) परियोजना के लिए रजामंदी दे दी।
कैसे होगा पुल से फायदा
इस पुल से बांग्लादेश, भारत और दक्षिण-पूर्वी एशिया से जुड़ेगा। बता दें कि पहले इस प्रॉजेक्ट के लिए पहले वर्ल्ड बैंक से फंड की मांग की गई थी लेकिन फंडिंग उन्हें फंडिंग देने से इनकार कर दिया गया। जानकारी के मुताबिक इस पुल के निर्माण के बाद बांग्लादेश की राजधानी ढाका और देश के अन्य हिस्सों को आर्थिक स्तर पर पिछड़े दक्षिण पश्चिम क्षेत्र से भी जोड़ा जा सकेगा।