ज्यादा संवाद करने की जरूरत राजदूत बंबावाले से सवाल किया गया कि क्या डोकलाम के मुद्दे पर गतिरोध से दोनों देशों के रिश्ते प्रभावित हुए हैं, उन्होंने कहा, ”मेरा मानना है कि आप इसे बढ़ा-चढ़ाकर पेश कर रहे हैं। हमारे रिश्ते में ऐसे छोटी-मोटी बाधाओं से पार पाने के लिए भारत एवं चीन के लोग एवं हमारे नेता काफी अनुभवी और परिपक्व हैं। उन्होंने कहा कि ”मेरा मानना है कि डोकलाम की घटना के बाद की अवधि में भारत एवं चीन को नेतृत्व के स्तर सहित विभिन्न स्तरों पर एक-दूसरे से बात करते रहने और पहले से ज्यादा संवाद करते रहने की जरूरत है।
क्या है डोकलाम विवाद गौरतलब है कि 6 जून, 2017 को डोकलाम विवाद गौरतलब है कि 16 जून, 2017 को डोकलाम विवाद की शुरुआत हुई थी। सिक्किम सेक्टर में सीमा पर चीन और भारत की सेनाएं आमने-सामने थीं। भारतीय सैनिकों ने सड़क बनाने वाली चीनी फौज की एक टुकड़ी को डोकलाम में
काम करने से रोक दिया था।लेकिन तीन महीने बाद उच्चस्तरीय वार्ता के बाद अगस्त में दोनों देश के जवान विवादित क्षेत्र से वापस हो गए थे। हालांकि चीन कई मौकों पर डोकलाम पर अपना दावा ठोकता रहा है। पिछले कुछ महीनों में सीमा से लगते इलाकों में चीनी गतिविधि बहुत बढ़ गई है। पिछले साल पीएलए के जवान सड़क निर्माण के लिए अरुणाचल प्रदेश में घुस आए थे। इसका वीडियो भी वायरल हुआ था।