मात्र एक रुपये का कॉल पेट्रोल पंप पर लगवा सकता है ताला जानिये कैसे झूठ बोल रहा ईरान इजरायली प्रधानमंत्री ने दावा किया कि ये सभी डाक्यूमेंट्स इजरायल की जासूसी एजेंसियों ने ईरान के खुफिया परमाणु ठिकानों से हासिल किये हैं। दावा किया गया है कि 55,000 पेज और 185 इलेक्ट्रॉनिक स्टोरेज डिवाइसों में सेव किये गए इन आंकड़ों को और बारीकी से देखा जाएगा और यह पता लगाने की कोशिश होगी कि क्या इस काले धंधे में कोई और भी देश शामिल था। नेतन्याहू ने कहा कि ये फाइलें खुद में एक सबूत हैं कि ईरान ने 2015 में परमाणु समझौते पर हस्ताक्षर होने के बाद से ही अंतर्राष्ट्रीय समुदाय की आंखों में धूल झोंकी है।
बिप्लब देब के बयान को अमूल का समर्थन, ‘कमा सकते हैं लाखों रुपए’ अमरीका करे जांच इजरायली प्रधानमंत्री ने कहा कि इजरायल ने यह दस्तावेज अमरीका के साथ भी साझा किए हैं। उन्होंने उम्मीद जताई कि ‘ट्रंप अमेरिका के लिए,इजरायल के लोगों के लिए, और वैश्विक शांति के लिए सही कदम उठाएंगे।’ बता दें कि बीते दिनों ईरान को परमाणु बिरादरी में शामिल करने को लेकर विश्व में एक नयी बहस चल पड़ी थी। ईरान के साथ परमाणु समझौते से हटने या उसमें बने रहने को लेकर अमरीका के विचार करने के बीच इस्राइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने यह साबित करने की कोशिश की है कि उनके पास ईरानी परमाणु हथियार कार्यक्रम के नए सबूत हैं। उधर ईरान के विदेश मंत्री जवाद जीरफ ने नेतन्याहू पर धोखा देने का आरोप लगाया।