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BJP के दो सांसद ताइवान की राष्ट्रपति के शपथग्रहण समारोह में शामिल हुए, चीन ने सवाल उठाए

locationनई दिल्लीPublished: May 26, 2020 03:22:13 pm

Submitted by:

Mohit Saxena

Highlights

बीजेपी (BJP) के दो सांसदों मीनाक्षी लेखी (Meenakshi Lekhi) और राहुल कस्वान ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हिस्सा लिया।
ताइवान के राष्ट्रपति त्साई इंग-वेन (Tsai Ing Wen) के शपथ ग्रहण के मौके पर दुनियाभर के 41 देशों की हस्तियों ने हिस्सा लिया।

Tiwan president Tsai Ing Wen

ताइवान की राष्ट्रपति त्साई इंग-वेन।

नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी (BJP) के दो सांसदों के ताइवान की राष्ट्रपति के शपथ ग्रहण समारोह में हिस्सा लेने के बाद विवाद खड़ा हो गया है। चीन ने भारत के समारोह में शामिल होने पर आपत्ति जताई है। उसका कहना है कि ये उसका आंतरिक मामला है। ताइवान के राष्ट्रपति त्साई इंग-वेन (Tsai Ing Wen) के शपथ ग्रहण के मौके पर दुनियाभर के 41 देशों में से कुल 42 हस्तियों ने शिरकत की। बीजेपी के दो सांसदों मीनाक्षी लेखी (Meenakshi Lekhi) और राहुल कस्वान ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए इस समारोह में हिस्सा लिया और वेन को बधाई दी।
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दरअसल, चीन ताइवान को स्वतंत्र राष्ट्र का दर्जा नहीं देता है और उसे अपना ही एक बता रहा है। त्साई इंग-वेन के शपथ ग्रहण समारोह में लेखी और कस्वान की उपस्थिति के बाद सवाल उठ रहा है कि क्या ताइवान के साथ खड़ा है।

इस पर देश में चीनी दूतावास के काउंसलर (पार्लियामेंट) ली बिंग ने आपत्ति दर्ज कराई है। ली का कहना है कि बीजेपी सांसदों मिनाक्षी लेखी, राहुल कस्वान ने त्साई इंग-वेन को बधाई दी है, जोकि सरसर गलत है।
इस पर लेखी और कस्वान ने एक साझे बयान में कहा कि भारत और ताइवान लोकतांत्रिक मल्यू पर विश्वास करते हैं। इसके कई अर्थ निकाले जा रहे हैं। चीन लगातार भारत सीमाओं पर घुसपैठ की कोशिश कर रहा है। इसके साथ वह पाकिस्तान को कश्मीर मामले में सपोर्ट करता रहा है। जानकारों का कहना है कि भारत ने साफ संदेश दिया कि चीन अगर कोई विश्वासघात करता है तो वह चुप बैठने वाला नहीं है। गौरतलब है कि 2016 में जब त्साई ने पहली बार राष्ट्रपति पद की शपथ ली थी, तब मोदी सरकार ने न्योता मिलने के बावजूद अपने किसी सांसद को ताइवान नहीं भेजा था।
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