लंदन। दुनियाभर के कई ताकतवर देशों के राज खोलने वाली वेबसाइट विकीलीक्स के फाउंडर जूलियन असांज को राहत देते हुए यूएन पैनल ने ब्रिटेन और स्वीडन से उन्हें मुआवजा देने कहा है। पैनल ने फैसले में अंसाज को लंदन में एंबेसी के अंदर रखे जाना अवैध हिरासत बताया।
बता दें गुरुवार को असांज को यूएन से राहत मिलनी की खबरें आईं, जिसमें असांज ने कहा था कि यदि शुक्रवार को यूएन उनके हक में फैसला देता है तो उम्मीद है कि मेरा पासपोर्ट लौटा दिया जाएगा और मुझे गिरफ्तार किए जाने की आगामी कोशिशें रोक दी जाएंगी।
असांज ने तीन साल से लंदन में इक्वाडोर के दूतावास में शरण ली हुई है ताकि उन्हें स्वीडन ना भेज दिया जाए। स्वीडन में उन पर रेप का मामला चल रहा है और अमरीका जैसे भी कई देश उन्हें अरेस्ट करना चाहते हैं। अमरीका असांजे को अपने गोपनीय दस्तावेजों को सार्वजनिक करने का दोषी मानता है। हालांकि असांज शुक्रवार को यूएन द्वारा उनके पक्ष में फैसले आने से राहत में हैं, लेकिन माना जा रहा है कि ब्रिटेन पर यूएन का यह फैसला बाध्याकारी नहीं है। दरअसल, असांजे लंदन स्थित इक्वाडोर के दूतावास में पिछले तीन साल से शरण लिए हुए हैं।
असांज ने कराया था दुनिया के इन बड़े मामलों का पर्दाफाश
– विकीलीक्स को वैश्विक राजनीति में हलचल पैदा करने के लिए भी जाना जाता है, कई लोग असांज को ऑनेस्ट हैकर कहते हैं। यह दुनियाभर में अपने सीक्रेट डॉक्युमेंट्स को ऑनलाइन पब्लिश करने के लिए चर्चित है। भारत सहित दुनियाभर के देशों की अमरीका द्वारा जासूसी करने का खुलासा विकीलीक्स ने ही किया था। उसने अमरीका पर लगे कई और बड़े आरोपों का पर्दा उठाने का दावा भी किया, जिससे अंतरराष्ट्रीय राजनीति प्रभावित हुई। ये रहे विकीलीक्स द्वारा किए गए बड़े पर्दाफाश..
अमरीकी सरकार में बहुराष्ट्रीय कंपनियों के दखल का दावा:
– 2011 में विकिलीक्स ने जेट बनाने वाली कंपनी बोइंग और अमरीकी राजनयिकों के बीच कथित बातचीत सार्वजनिक की थी। इसके मुताबिक जेट बेचने के लिए बोइंग का सरकार में गहरा दखल था। यहां तक कि प्रतिद्वंदी एयरबस की बिक्री रद्द करने और अपने विमान बेचने के लिए बोइंग ने सउदी अरब, तुर्की, बहरीन और जॉर्डन के बड़े अफसरों को रिश्वत दी।
– साल 2009 में अमरीकी दूतावास के अधिकारी का इक्वेडोर भेजा गया कथित संदेश जारी हुआ, इसमें दावा किया गया कि किस तरह अमरीका, बहुराष्ट्रीय दवा कंपनियां और सरकार के तीन मंत्री जानकारी साझा कर रहे थे ताकि इक्वेडोर की नई दवा नीति कमजोर की जा सके। इक्वेडोर की कोशिश थी कि लोगों तक कम लागत वाली दवाएं आसानी से पहुँचें।
– मार्च 2008 में विकीलीक्स ने ये दावा किया कि अमरीकी एंबेसी के एक संदेश के मुताबिक अमरीकी डिप्लोमेट लीमा में हो रहे यूरोपीय संघ और लातिन अमरीकी देशों के सम्मेलन से पहले इसके विरोधियों की जासूसी कर रहे थे। पेरू में अमरीकी डिप्लोमेट जेम्स नीलन ने बोलीविया, वेनज़ुएला के राष्ट्रपति के विरोध में शामिल होने की बात कही। ये स्थानीय लोगों के अधिकार और पर्यावरण की रक्षा के हिमायती थे।
– साल 2007 में विकीलीक्स ने अमरीकी सेना के ग्वांतानामो जेल में यातना शिविर होने का संकेत देने वाले दस्तावेज जारी किए। इससे पहले अमरीकी सेना इससे इनकार करती रही थी।
– विकीलीक्स ने ये भी खुलासा किया कि अमरीकी डिप्लोमेट बोलिविया, वेनज़ुएला और पेरू तक खनन कंपनियों में मुनाफा कमाने में जुटे थे। ये भी बताया कि अगस्त 2005 में उत्तरी पेरू में मीनेरा मजाज कंपनी के खनन के खिलाफ प्रदर्शन करने वाले लोगों में से 28 को यातनाएं दी गईं, तीन को गोली मारी गई और एक की ज्यादा ख़ून बहने से मौत हो गई।
– भारत को लेकर भी विकीलीक्स ने कई खुलासे किए। इसमें मायावती और राजीव गांधी पर गंभीर आरोप लगाए गए। मायावती के बारे में बताया था कि वह अपने सैंडिल मंगाने के लिए भी हेलीकॉप्टर भेजती हैं। घर से ऑफिस निकलने से पहले वे सड़क को धुलवाती हैं।
– विकीलीक्स ने ईरान पर मिलट्री एक्शन लेने के खुलासा भी किया, जिसमें सउदी अरब के किंग ने अमेरिका को उकसाया था।
– कहा जाए तो 2006 में शुरू हुई इस वेबसाइट का सबसे ज्यादा शिकार अमेरिका बना है।