यह पहली बार होगा जब अंतरराष्ट्रीय वार्ताएं सीरिया में पांच सालों से चल रहे गृह युद्ध की स्थिति के बीच कुछ हद तक शांति ला पाएंगी
नई दिल्ली। अमरीका और सीरिया की मध्यस्थता में लंबे समय से गृहयुद्ध से जूझ रहे सीरिया में संघर्षविराम लागू हो गया है। इसे देश में जारी विनाशकारी संघर्ष के बीच हिंसा को कम करने के लिए बड़ा अंतरराष्ट्रीय कदम बताया जा रहा है। हालांकि ISIS और सीरिया में अलकायदा की शाखा नुसरा फ्रंट को इस संघषर्विराम में शामिल नहीं किया गया है।
सात मार्च से शुरू होंगी शांति वार्ता?
इस संघषर्विराम का लक्ष्य सीरिया सरकार के प्रतिनिधियों और विपक्ष को राजनीतिक बदलाव पर चर्चा करने के लिए जेनेवा में फिर से वार्ता की मेज पर लाना है। संयुक्त राष्ट्र के दूत स्टाफन डी मिस्तूरा ने घोषणा की है कि अगर संघर्षविराम पर बड़े स्तर पर पालन किया जाता है तो शांति वार्ता सात मार्च से शुरू होंगी।
बनेगा इतिहास?
यदि ऐसा होता है, तो यह पहली बार होगा जब अंतरराष्ट्रीय वार्ताएं सीरिया में पांच सालों से चल रहे गृह युद्ध की स्थिति के बीच कुछ हद तक शांति ला पाएंगी। हालांकि इसकी सफलता के लिए कई सशस्त्र धड़ों की ओर से संघषर्विराम का पालन किए जाने की आवश्यकता होगी।
100 विद्रोही समूहों के संघर्षविराम की सफलता पर संदेह –
यह संघषर्विराम इसलिए भी और कमजोर है क्योंकि यह ISIS और नुसरा फ्रंट के खिलाफ लड़ाई जारी रखने की अनुमति देता है। सीरिया की आंतरिक स्थिति को देखते हुए सरकार, विपक्ष समेत 100 विद्रोही समूहों ने संघर्षविराम की सफलता पर संदेह जताया है।