‘भारत का साहसिक अभियान’
लोगों के अलावा चीन की आधिकारिक मीडिया ने भी इस मिशन पर रिपोर्ट करते हुए लिखा ‘भारत का साहसिक अभियान, चंद्रमा से मात्र 2.1 किमी की दूरी पर विक्रम का टूटा संपर्क।’ बताते चलें कि 7 सितंबर को चांद की सतह से महज 2.1 किलोमीटर दूर लैंडर विक्रम से संपर्क टूट गया गया था। हालांकि अभी भी यहा मिशन 95 प्रतिशत से अधिक सफल है।
अंतरिक्ष की खोज में सब एक साथ: चीन
सोशल मीडिया चीन के लोगों ने मिशन की जबरदस्त तारीफ की। चीनी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म वीबो पर लोगों ने लिखा, ‘अंतरिक्ष की खोज में सभी एक साथ शामिल हैं। अगर कोई देश अगर इस क्षेत्र में सफलता हासिल करता है तो उसकी तारीफ होनी चाहिए। इसमें अस्थाई असफलता मिलने पर भी प्रशंसा के पात्र हैं।’
चीनी वैज्ञानिक ने बताया संपर्क खोने का कारण
एक अन्य यूजर ने लिखा, ‘हम सब गड्ढे में हैं लेकिन हममें से कुछ लोग सितारों की ओर देख रहे हैं। कोई भी देश अगर अंतरिक्ष की खोज को आगे बढ़ाता है तो वह हमारे सम्मान का अधिकारी है।’ चीनी मीडिया की एक रिपोर्ट में एक वैज्ञानिक ने भी इस मसले पर टिप्पणी की है। वैज्ञानिक ने लिखा कि चंद्रयान के ऐटिट्यूड कंट्रोल थ्रस्टर (ACT) का नियंत्रण न हो पाना भी संपर्क टूटने की वजह हो सकती है।
लैंडर विक्रम का चल चुका है पता
गौरतलब है कि सोमवार को ISRO की ओर से बताया गया कि लैंडर विक्रम का पता चल गया है। वह चांद पर मौजूद है और क्रैश नहीं हुआ है। ISRO अधिकारी ने संभावना जताई कि शायद विक्रम की हार्ड लैंडिंग होने की वजह से संपर्क टूट गया था। फिलहाल, दोबारा संपर्क साधने की कोशिशें की जारी हैं।