सेना प्रमुख के बयान पर भड़का चीन गौरतलब है कि 12 जनवरी को सेना दिवस के मौके पर सेना प्रमुख ने कहा था, ‘चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) ने उत्तरी डोकलाम के इलाके पर कब्जा कर लिया है। गतिरोध स्थल से दोनों पक्ष पीछे हट गए हैं। तंबू अब भी लगे हैं। निगरानी चौकियां मौजूद हैं। इस क्षेत्र को लेकर भूटान और चीन के बीच विवाद है। सैटेलाइट के जरिए डोकलाम के विवादित क्षेत्र में चीनी सेना के तंबू, निगरानी केंद्र, टैंक, मिसाइलें और बख्तरबंद वाहनों की मौजूदगी का खुलासा हुआ था। जनरल रावत ने आशंका जताई थी कि सर्दी के मौसम के बाद चीनी सेना फिर से इस क्षेत्र में अपनी गतिविधि बढ़ा सकती है। उन्होंने सीमा पर तैनात भारतीय जवानों को चौकस रहने का भी निर्देश दिया था।
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गौरतलब है कि 16 जून, 2017 को डोकलाम विवाद की शुरुआत हुई थी। लेकिन तीन महीने बाद उच्चस्तरीय वार्ता के बाद अगस्त में दोनों देश के जवान विवादित क्षेत्र से वापस हो गए थे। लेकिन चीन कई मौकों पर डोकलाम पर अपना दावा ठोकता रहा है। पिछले कुछ महीनों में सीमा से लगते इलाकों में चीनी गतिविधि बहुत बढ़ गई है। पिछले साल पीएलए के जवान सड़क निर्माण के लिए अरुणाचल प्रदेश में घुस आए थे। इसका वीडियो भी वायरल हुआ था।
गौरतलब है कि 16 जून, 2017 को डोकलाम विवाद की शुरुआत हुई थी। लेकिन तीन महीने बाद उच्चस्तरीय वार्ता के बाद अगस्त में दोनों देश के जवान विवादित क्षेत्र से वापस हो गए थे। लेकिन चीन कई मौकों पर डोकलाम पर अपना दावा ठोकता रहा है। पिछले कुछ महीनों में सीमा से लगते इलाकों में चीनी गतिविधि बहुत बढ़ गई है। पिछले साल पीएलए के जवान सड़क निर्माण के लिए अरुणाचल प्रदेश में घुस आए थे। इसका वीडियो भी वायरल हुआ था।