चीन और भारत के बीच 3,448 किलोमीटर लंबे विवादित सीमा मुद्दे पर अब तक 20 दौर की वार्ता हो चुकी है। दोनों देशों के बीच 1962 में युद्ध हुआ था और दोनों देशों की सेनाओं को कई बार एक-दूसरे की सीमा में प्रवेश करते देखा गया है। वांग ने 73 दिनों तक दोनों देशों के बीच चले डोकलाम सीमा विवाद पर भारत की निरंतर आलोचना की थी। इस विवाद को अगस्त में सुलझा लिया गया था। वांग ने हालांकि चीन के जारी वार्षिक संसद सत्र से इतर मीडिया को संबोधित करते हुए भारत-चीन संबंधों को लेकर सकारात्मक रुख सामने रखा।
वांग ने कहा कि अगर चीन और भारत एकजुट होते हैं तो यह एक और एक 11 के समान होगा। इस बयान का भारत ने स्वागत किया था और इसी स्वर में इसपर प्रतिक्रिया दी थी। वांग की पदोन्नित को उनके लिए बड़ी भूमिका के तौर पर देखा जा रहा है।
इससे पहले चीन ने वांग यी को देश के शीर्ष राजनयिक पद स्टेट काउंसिलर पर नियुक्त किया था। वांग चीन के वरिष्ठतम राजनयिक यांग जीची के स्थान पर नियुक्त किए गए हैं, जो अब तक भारत के साथ सीमा वार्ता पर देश के विशेष प्रतिनिधि थे। वहीं वांग विदेश मंत्री भी रहेंगे, लेकिन यांग की भूमिका निश्चित नहीं है। तेजतर्रार यांग पिछले साल कम्युनिस्ट पार्टी के शक्तिशाली पोलित ब्यूरो की स्थायी समिति के लिए चुने गए थे।