इलेक्ट्रोनिक कारों को दिया जाएगा बढ़ावा
चीन की सरकारी समाचार एजेंसी की एक खबर के मुताबिक, पेट्रोल-डीज़ल कारों पर प्रतिबंध के मामले में देश के उप उद्योग मंत्री शिन गुओबिन ने कहा कि सरकार ने इस दिशा में काम करना शुरु कर दिया है, लेकिन अभी तय नहीं हुआ है कि कारों पर प्रतिबंध कब से लागाया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस कदम से कार उद्योग के विकास में बहुत बड़ा बदलाव आएगा हालंकि इससे उद्योग में कुछ समय के लिए मंदी जरुर आ सकती है, लेकिन सिर्फ चीन ही नहीं बल्कि अन्य देशों में पॉल्यूशन को कम करने के लिए ये एक कारगार कदम होगा। खबरों के मुताबिक, ये कदम इलेक्ट्रोनिक वाहनों को भी बढ़ावा देने की दिशा में अहम कदम होगा। पेट्रोल और डीजल की कार बंद किए जाने के बाद इलेक्ट्रोनिक और जीवाश्म ईधन के जरिए कारों को चलाया जाएगा।
चीन की सरकारी समाचार एजेंसी की एक खबर के मुताबिक, पेट्रोल-डीज़ल कारों पर प्रतिबंध के मामले में देश के उप उद्योग मंत्री शिन गुओबिन ने कहा कि सरकार ने इस दिशा में काम करना शुरु कर दिया है, लेकिन अभी तय नहीं हुआ है कि कारों पर प्रतिबंध कब से लागाया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस कदम से कार उद्योग के विकास में बहुत बड़ा बदलाव आएगा हालंकि इससे उद्योग में कुछ समय के लिए मंदी जरुर आ सकती है, लेकिन सिर्फ चीन ही नहीं बल्कि अन्य देशों में पॉल्यूशन को कम करने के लिए ये एक कारगार कदम होगा। खबरों के मुताबिक, ये कदम इलेक्ट्रोनिक वाहनों को भी बढ़ावा देने की दिशा में अहम कदम होगा। पेट्रोल और डीजल की कार बंद किए जाने के बाद इलेक्ट्रोनिक और जीवाश्म ईधन के जरिए कारों को चलाया जाएगा।
ब्रिटेन और फ्रांस पहले ही कर चुके हैं बैन
आपको बता दें कि चीन से पहले प्रदूषण और कार्बन उत्सर्जन को कम करने के प्रयासों के तहत ब्रिटेन और फ़्रांस पहले ही डीजल और पेट्रोल से चलने वाली कारों को बंद करने का ऐलान कर चुके हैं। ब्रिटेन और फ्रांस में साल 2040 तक डीजल और पेट्रोल कारों को अपने यहां प्रतिबंधित किया जा चुका है।
आपको बता दें कि चीन से पहले प्रदूषण और कार्बन उत्सर्जन को कम करने के प्रयासों के तहत ब्रिटेन और फ़्रांस पहले ही डीजल और पेट्रोल से चलने वाली कारों को बंद करने का ऐलान कर चुके हैं। ब्रिटेन और फ्रांस में साल 2040 तक डीजल और पेट्रोल कारों को अपने यहां प्रतिबंधित किया जा चुका है।
Volvo 2019 तक लाएगी इलेक्टिक कार
चीन की कार निर्माता कंपनी वॉल्वो ने जुलाई में कहा था कि 2019 से उनकी सभी गाड़ियों के नए मॉडलों में इलेक्ट्रिक इंजन होंगे। 2025 तक वॉल्वो के चीनी मालिक जीली का लक्ष्य एक लाख इलेक्ट्रिक कारों को बेचने का है। इसके अलावा रेनो-निसान, फ़ोर्ड और जनरल मोटर्स समेत दुनिया भर की अन्य बड़ी कंपनियां चीन के बाज़ार के लिए इलेक्ट्रिक कारें विकसित करने में जुट गई हैं। चीन चाहता है कि 2025 तक उनके वाहनों की बिक्री में कम से कम पांचवा हिस्सा इलेक्ट्रिक कारों और प्लग इन हाइब्रिड कारों का हो। इसका मतलब है कि अगले साल तक बैटरी के इलेक्ट्रिक या प्लग-इन संस्करणों की कम से कम 8 फ़ीसदी बिक्री आवश्यक होगी, जिसे 2020 तक 12 फ़ीसदी तक बढ़ाना होगा।
चीन की कार निर्माता कंपनी वॉल्वो ने जुलाई में कहा था कि 2019 से उनकी सभी गाड़ियों के नए मॉडलों में इलेक्ट्रिक इंजन होंगे। 2025 तक वॉल्वो के चीनी मालिक जीली का लक्ष्य एक लाख इलेक्ट्रिक कारों को बेचने का है। इसके अलावा रेनो-निसान, फ़ोर्ड और जनरल मोटर्स समेत दुनिया भर की अन्य बड़ी कंपनियां चीन के बाज़ार के लिए इलेक्ट्रिक कारें विकसित करने में जुट गई हैं। चीन चाहता है कि 2025 तक उनके वाहनों की बिक्री में कम से कम पांचवा हिस्सा इलेक्ट्रिक कारों और प्लग इन हाइब्रिड कारों का हो। इसका मतलब है कि अगले साल तक बैटरी के इलेक्ट्रिक या प्लग-इन संस्करणों की कम से कम 8 फ़ीसदी बिक्री आवश्यक होगी, जिसे 2020 तक 12 फ़ीसदी तक बढ़ाना होगा।
भारत में सरकार ने दिए हैं संकेत
आपको बता दें कि हाल ही में केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने भी कुछ ऐसे संकेत दिए थे कि भारत में भी पेट्रोल और डीजल की कारें प्रतिबंधित की जा सकती हैं। उन्होंने कार निर्माता कंपनियों को कहा था कि हिंदुस्तान में पेट्रोल-डीजल की कारों का ज्यादा भविष्य नहीं है। इससे ये साफ है कि साल 2030 तक केंद्र सरकार देश में पूरी तरह से इलेक्ट्रोनिक कारों का दौर लाना चाहती है। गडकरी ने कहा, ”हमें वैकल्पिक ईंधन का रुख करना चाहिए. मैं ये करने जा रहा हूं. आप इसे पसंद करें चाहे न करें. मैं आपसे पूछूंगा नहीं. मैं इसे उखाड़ फेकूंगा. प्रदूषण के लिए, आयात के लिए मेरे विचार बहुत साफ हैं.”
आपको बता दें कि हाल ही में केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने भी कुछ ऐसे संकेत दिए थे कि भारत में भी पेट्रोल और डीजल की कारें प्रतिबंधित की जा सकती हैं। उन्होंने कार निर्माता कंपनियों को कहा था कि हिंदुस्तान में पेट्रोल-डीजल की कारों का ज्यादा भविष्य नहीं है। इससे ये साफ है कि साल 2030 तक केंद्र सरकार देश में पूरी तरह से इलेक्ट्रोनिक कारों का दौर लाना चाहती है। गडकरी ने कहा, ”हमें वैकल्पिक ईंधन का रुख करना चाहिए. मैं ये करने जा रहा हूं. आप इसे पसंद करें चाहे न करें. मैं आपसे पूछूंगा नहीं. मैं इसे उखाड़ फेकूंगा. प्रदूषण के लिए, आयात के लिए मेरे विचार बहुत साफ हैं.”