दरअसल, हांगकांग पर पूर्ण रूप से नियंत्रण की साजिश कर रहा चीन हांगकांग में स्वैच्छिक तरीके से बड़े पैमाने पर कोरोना की टेस्टिंग ( Corona Testing ) कराना चाहता है। लेकिन वहां के कई नेता और लोग इसका कड़ा विरोध कर रहे हैं। चूंकि चीन पर आरोप लगाया जा रहा है कि कोरोना टेस्ट के नाम पर चीनी अधिकारी हांगकांग के लोगों के डीएनए का रिकॉर्ड अपने पास जमा कर लेंगे।
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हालांकि चीन ने इन आरोपों को खारिज कर दिया है। चीन का कहना है कि टेस्टिंग प्रक्रिया स्वैच्छिक है। इस टेस्टिंग के जरिए वो किसी का भी निजी डाटा अपने पास रिकॉर्ड में नहीं रखेंगे। बता दें कि चीन चीन एक बड़ी योजना के तहत हांगकांग में व्यापक स्तर पर कोरोना की टेस्टिंग करवा रहा है।
हांगकांग के लोकतंत्र समर्थक नेताओं ने किया विरोध
आपको बता दें कि हांगकांग में चीन के दखल का विरोध करने वाले लोकंतत्र समर्थकों ने कोरोनो टेस्टिंग का विरोध किया है। लोकतंत्र समर्थक नेताओं ने टेस्टिंग का बहिष्कार करते हुए लोगों से टेस्ट ना कराने की अपील की है। एक नेता जोशुआ वॉन्ग ने कहा कि सरकार एक साजिश के तहत हांगकांग के लोगों का DNA अपने पास जमा कर रही है। जबकि एक अन्य नेता ने कहा है कि सरकार यह बात स्पष्ट तरीके से नहीं बता रही है कि वह आखिर किस तरह लोगों का डाटा जमा करेगी।
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मालूम हो कि चीन सरकार ने हांगकांग में कोरोना टेस्टिंग के लिए स्थानीय मेडिकल स्टाफ के बजाए चीन के अन्य क्षेत्रों के स्टाफ के लगाया है। इसी को लेकर सवाल खड़े किए जा रहे हैं और लोगों में शंका पैदा हो रहा है। चूंकि इससे पहले चीन ने हांगकांग में लोगों के विरोध के बावजूद भी राष्ट्रीय सुरक्षा कानून को जबरन लागू कर दिया है। इसको लेकर अभी भी हांगकांग में विरोध-प्रदर्शन का सिलसिला जारी है।
बता दें कि चीन ने बीते सप्ताह शनिवार से ही कोरोना टेस्टिंग के लिए रजिस्ट्रेशन की शुरुआत की थी। 75 लाख की आबादी वाले हांगकागं में अब तक 5.53 लाख से अधिक लोगों ने रजिस्ट्रेशन भी करा लिया है। हांगकांग में अभी तक कोरोना के करीब 5 हजार मामले सामने आए हैं और 91 लोगों की मौत हुई है।