भारत और चीन की सेनाओं के बीच अप्रैल-मई से ही एलएसी पर तनावपूर्ण स्थिति बन रही है। इस कड़ाके की सर्दी में 18 हजार फीट की ऊंचाई पर लद्दाख के रेतीले पहाड़ों पर दोनों सेनाएं आमने-सामने डटी हैं। ऐसा लगता है कि डोकलाम के बाद से ही चीन ने किसी भी स्थिति से निपटने की तैयारी शुरू कर दी थी।
स्थानीय नागरिकों ने देखे चीनी शिविर
स्थानीय नागरिकों ने देखे चीनी शिविर
एक सरकारी सूत्र के अनुसार चीन डोकलाम विवाद के बाद से ही एलएसी के साथ अपने निचले क्षेत्रों में सैन्य शिविर बनाने में लगा हुआ है। एलएसी के पास स्थानीय नागरिकों ने इस तरह के 20 से अधिक शिविरों को देखा है। इन शिविरों को बना लेने से चीनी सेना को कई फायदे हुए हैं। इस तरह से वह अपने क्षेत्र में ज्यादा बेहतर तरीके से गश्त कर सकती है। इसके साथ सीमा पर चीनी सेना की गतिविधियों को आसानी होगी।