चीन दक्षिण तिब्बत के हिस्से के रूप में अरुणाचल प्रदेश पर अपना दावा करता आया है। अब यह बात पूरी दुनिया के सामने साफ है कि अरुणाचल प्रदेश भारत का अभिन्न और अविभाज्य अंग है। हालांकि चीन लगातर अरुणाचल पर अपना दावा करता रहा है। दोनों देशों ने 3,488 किलोमीटर लंबी वास्तविक नियंत्रण रेखा और सीमा विवाद को सुलझाने के लिए अब तक 21 दौर की वार्ता की है। लेकिन अभी तक इस बारे में कोई उल्लेखनीय प्रगति नहीं हो सकी है। मंगलवार को मीडिया की एक रिपोर्ट में कहा गया कि हजारों नक्शे ग्लोबल टाइम्स द्वारा संचालित एक प्रेस में छापे गए हैं, जिनमें अरुणाचल प्रदेश को देश का हिस्सा नहीं बताया गया हैं। उसके बाद सीमा शुल्क अधिकारियों लगभग 30,000 वर्ल्ड के मैप्स को गलत बताते हुए इन्हें नष्ट करने का आदेश जारी किया हैं।
चीन ने अपने कदम को यह कहकर वैध ठहराने की कोशिश की हैं कि यह उसकी सम्प्रभुता का उलंघन का मामला है। जानकारों का कहना है कि असल में चीन शुरू से इस मामले में दोहरी नीति अपनाता है। कई मौकों पर वह अरुणाचल को भारत का हिस्सा मान चुका है लेकिन कुछ मौकों पर वह ऐसा जताने की कोशिश करता है जैसे कि अरुणाचल उसका अभिन्न अंग है। अब जबकि दुनिया भर में चीन का खेल उजागर हो चुका है, वह बीच-बीच में ऐसे काम कर इस मुद्दे को किसी न किसी रूप में जिंदा रखता है।
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