जापान के राजदूत ने दिया था भारत का साथ
दरअसल डोकलाम विवाद पर इशारों में चीन को संकेत देते हुए जापान ने कहा था कि ताकत के बल पर किसी की जमीन पर कब्जा नहीं किया जा सकता है। जापान के राजदूत केंजी हीरामत्सू ने एक निजी समाचार चैनल से बात करते हुए कहा था कि डोकलाम पर जारी विवाद पर हम लगातार नजर बनाए हुए हैं। उन्होंने कहा कि विवादित क्षेत्रों में जमीनी यथास्थिति को बदलने के लिए सैन्य क्षमता का इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए। उन्होंने सभी विवादों को शांति से बातचीत के जरिए सुलझाने की बात कही। उन्होंने कहा कि भारत भूटान के साथ हुए समझौते के तहत ही मामले में दखल दे रहा है और भारत की ओर से लगातार शांति बनाए रहने की कोशिश की जा रही है।
दरअसल डोकलाम विवाद पर इशारों में चीन को संकेत देते हुए जापान ने कहा था कि ताकत के बल पर किसी की जमीन पर कब्जा नहीं किया जा सकता है। जापान के राजदूत केंजी हीरामत्सू ने एक निजी समाचार चैनल से बात करते हुए कहा था कि डोकलाम पर जारी विवाद पर हम लगातार नजर बनाए हुए हैं। उन्होंने कहा कि विवादित क्षेत्रों में जमीनी यथास्थिति को बदलने के लिए सैन्य क्षमता का इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए। उन्होंने सभी विवादों को शांति से बातचीत के जरिए सुलझाने की बात कही। उन्होंने कहा कि भारत भूटान के साथ हुए समझौते के तहत ही मामले में दखल दे रहा है और भारत की ओर से लगातार शांति बनाए रहने की कोशिश की जा रही है।
युद्ध की तैयारी में जुटा चीन
वहीं दूसरी ओर डोकलाम विवाद पर चीन की सैन्य गतिविधियों को देखें तो ऐसा लग रहा है कि चीनी सेना भारत के साथ युद्ध की तैयारियां जोरों से कर रही है। चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स की रिपोर्ट में गुरुवार को दावा किया गया था कि चीनी सेना बॉर्डर पर ब्लड डोनेशन कैंप लगाकर खून इकट्ठा कर रही है। इस कैंपों में इकट्ठा ब्लड को चीन की पीपल्स लिबरेशन आर्मी तिब्बत समेत कई अलग-अलग जगहों पर भेज रही है।
वहीं दूसरी ओर डोकलाम विवाद पर चीन की सैन्य गतिविधियों को देखें तो ऐसा लग रहा है कि चीनी सेना भारत के साथ युद्ध की तैयारियां जोरों से कर रही है। चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स की रिपोर्ट में गुरुवार को दावा किया गया था कि चीनी सेना बॉर्डर पर ब्लड डोनेशन कैंप लगाकर खून इकट्ठा कर रही है। इस कैंपों में इकट्ठा ब्लड को चीन की पीपल्स लिबरेशन आर्मी तिब्बत समेत कई अलग-अलग जगहों पर भेज रही है।