ग्वादर बंदरगाह में भूकंप की आशंका से डरा ड्रैगन, भू वैज्ञानिकों ने की रिपोर्ट पेश
चीन और पाकिस्तान के बड़ी संख्या में भूवैज्ञानिकों ने बलूचिस्तान के मकरान ट्रेंच में एक बड़े भूकंप की आशंका जताई है।

बीजिंग: चीन इन दिनों पाकिस्तान में बन रहे ग्वादर बंदरगाह में भूकंप की आशंका को लेकर डरा हुआ है। चीन और पाकिस्तान के बड़ी संख्या में भूवैज्ञानिकों ने बलूचिस्तान के मकरान ट्रेंच में एक बड़े भूकंप की आशंका जताई है। जिससे ग्वादर बंदरगाह को बहुत बड़ा नुकसान होने वाला है। भूवैज्ञानिकों की एक टीम इसका सर्वे कर रही है। भू वैज्ञानिकों ने रविवार को एक रिपोर्ट पेश कर कहा कि भूकंप का केंद्र बिंदु पाकिस्तान के ग्वादर पोर्ट के बिल्कुल निकट ही है। जिसको चीन ने लीज के तौर 40 सालों के लिए ले लिया है। बता दें कि मकरान एक ऐसा इलाका है जहां दो टेक्टॉनिक प्लेट मिलती हैं।
7 दशक पहले आया था विनाशकारी भूकंप
एक अखबार के मुताबिक 7 दशक से पहले मकरान ट्रेंच पर आए भूकंप ने पूरे क्षेत्र को झंकझोर कर रख दिया था। मकरान ट्रेंच मूल रूप से भूंकपीय सक्रिय क्षेत्र है। इस क्षेत्र में 1945 में 8.1 की तीव्रता से भूकंप आया था, जिसने ईरान, पाकिस्तान, ओमान और भारत में तबाही मचाई थी। इस भूकंप ने 4,000 लोगों की जान ली थी। हालांकि, इस क्षेत्र में पिछले साल 6.3 की तीव्रता से भूकंप आया था, जिससे कुछ ज्यादा नुकसान नहीं हुआ था।
ग्वादर पोर्ट के निकट भूकंप का खतरा
हांगकांग की चीनी विश्वविद्यालय से भूकंप वैज्ञानिक यांग होंगफेंग मानते हैं कि इस क्षेत्र में भूकंप का खतरा बना हुआ है। पिछले महीने पाकिस्तान और चीन भूवैज्ञानिकों ने तीन जहाजों से इस क्षेत्र में रिसर्च किया था। इस रिसर्च के लिए चीन ने ही फंड किया था। रिसर्च के दौरान एकत्रित हुए डाटा में यह पाया गया है कि ग्वादर पोर्ट के निकट भूकंप का खतरा मंडरा रहा है।
चीन बना रहा ग्वादर बंदरगाह
आपको बता दें कि पाकिस्तान के बलूचिस्तान में स्थित मकरान ग्वादर बंदरगाह के बेहद करीब स्थित है। चीन ने पाकिस्तान के इस अहम बंदरगाह को 4 दशक के लिए लीज पर लिया है। यह बंदरगाह चीन-पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर (CPEC) का भी एक अहम हिस्सा है। 50 अरब डॉलर की लागत वाला यह प्रॉजेक्ट चीन के शिनजियांग प्रांत को पाकिस्तान के ग्वादर पोर्ट से जोड़ेगा। इस प्रॉजेक्ट पर भारत ने आपत्ति जता रखी है। यह कॉरिडोर पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर से होकर गुजरना है। जिसको लेकर भारत अपनी बात रख चुका है।
60 देशों को जोड़ेगा ग्वादर पोर्ट
गौरतलब है कि चीन ग्वादर बंदरगाह को एक बहुत बड़ा शिपमेंट हब बनाने जा रहा है। यह चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की महत्वकांक्षी सिल्क रोड योजना को जोड़ेगा। यह एशिया यूरोप और अफ्रीका के 60 देशों को जोड़ेगा।
Hindi News अपने मोबाइल पर पढ़ने के लिए डाउनलोड करें (Hindi News App) Get all latest Asia News in Hindi from Politics, Crime, Entertainment, Sports, Technology, Education, Health, Astrology and more News in Hindi