चीन की सरकारी संवाद एजेंसी शिन्हुआ के मुताबिक, इस दौरान जिनपिंग ने ब्रह्मपुत्र नदी का भी निरीक्षण किया। बता दें कि चीन यहां दुनिया का सबसे विशाल बांध बना रहा है। यह भी पढ़ेंः
चीन ने लद्दाख के बाद अब उत्तराखंड में LAC के पास बढ़ाई अपनी गतिविधियां, भारत भी अलर्ट सत्ता संभालने के बाद जिनपिंग का पहला दौराशी जिनपिंग ने वर्ष 2011 में सत्ता संभाली थी। इसके बाद ये पहला मौका है जब उन्होंने तिब्बत का दौरा किया है। बुधवार को राष्ट्रपति शी जिनपिंग न्यिंगची के एयरपोर्ट पहुंचे। इसके बाद चीनी राष्ट्रपति ने ब्रह्मपुत्र नदी और उसकी सहायक नदी के घाटी का निरीक्षण किया।
जिनपिंग ने अरुणाचल प्रदेश के करीब स्थित तिब्बती सीमावर्ती शहर न्यिंगची का दौरा किया है। इस दौरान स्थानीय लोगों और विभिन्न जातीय समूहों के अधिकारियों ने उनका स्वागत किया। इसके बाद उन्होंने ब्रह्मपुत्र नदी के बेसिन में निरीक्षण करने के लिए न्यांग नदी पुल का दौरा किया।
क्यों खास है न्यिंगची?
दरअसल शी जिनपिंग ने जिस न्यिंगची इलाके का दौरा किया है वो तिब्बत में एक प्रान्त स्तर का शहर है। यही नहीं ये हिस्सा अरुणाचल प्रदेश की सीमा से सटा हुआ है। यही वजह है कि भारत से सीमा पर चल रहे विवाद के बीच शी जिनपिंग के इस इलाके में किए गए दौरे को काफी अहम माना जा रहा है।
न्यिंगची जून में उस समय भी चर्चा में आया था जब चीन ने तिब्बत में अपनी पहली बुलेट ट्रेन को पूरी तरह से चालू कर दिया था। यह ट्रेन तिब्बत की प्रांतीय राजधानी ल्हासा को निंगची से जोड़ती है।
बता दें कि चीन अरुणाचल प्रदेश पर दक्षिण तिब्बत के हिस्से के रूप में अपना दावा करता है, जिसे भारत ने हमेशा ही खारिज कर दिया है। चीनी के कई नेता समय-समय पर तिब्बत का दौरा करते रहते हैं। लेकिन पिछले लंबे समय में सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी के प्रमुख और राष्ट्रपति शी जिनपिंग जैसे शीर्ष नेता के दौरे ने सबका ध्यान अपनी ओर खींचा है।
बता दें कि भारत-चीन सीमा विवाद में 3,488 किलोमीटर की वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) शामिल है। वहीं चीनी राष्ट्रपति शी ने कुछ समय पहले ही कहा था कि नयी बुलेट रेल लाइन सीमा स्थिरता को सुरक्षित रखने में अहम भूमिका निभाएगी।
उनका इशारा भारत से लगी अरुणाचल सीमा की ओर था। न्यिंगची अरुणाचल के करीब स्थित तिब्बत का सीमाई नगर है। यह भी पढ़ेंः
चीन में बाढ़ का कहर, हेनान प्रांत में मची है तबाही ब्रह्मपुत्र नदी पर सबसे बड़ा बांधचीन ब्रह्मपुत्र नदी पर सबसे बड़ा बांध बनाने जा रहा है। ब्रह्मपुत्र नदी पर 60 गीगावाट का महाकाय बांध बनाने की योजना है। यही नहीं लद्दाख से लेकर अरुणाचल प्रदेश चीन ने अपनी नजरें भारतीय जमीन पर गढ़ा रखी हैं।