एक मीडिया रिपोर्ट में चीन में अफगानिस्तान के राजदूत जनान मोसाजई के हवाले से लिखा गया है कि- बीजिंग आतंकवाद से निपटने के अभियानों को मजबूत बनाने के लिए एक पहाड़ी ब्रिगेड स्थापित करने के लिए अफगानिस्तान की मदद कर रहा है। अफगानिस्तान की सरजमीं पर इस प्रक्रिया में कोई चीनी सैनिक शामिल नहीं होगा। बता दें, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ओर से चीन पर उत्तर कोरिया के साथ उसके रिश्तों को मुश्किल भरा बनाने के बाद चीन ने अमेरिका पर कड़ी आपत्ति जताई है। चीन ने बयान जारी करके अमेरिका के इस रवैये को ‘गैर जिम्मेदाराना और बेतुका तर्क’ बताया है।
बता दें, अमेरिका के राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप ने यह कहकर अपने तर्क की पुष्टि भी करनी चाही थी कि करनी चीन शीत युद्ध के दौर के अपने सहयोगी पर नियंत्रण करने में मदद नहीं कर रहा है। वे इससे पहले भी यह आरोप लगा चुका है, जब अमेरिका ने विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ के इस इस सप्ताह प्रस्तावित उत्तर कोरिया यात्रा को रद्द कर दिया था।