क्या था सेना प्रमुख का बयान?
सेना प्रमुख बिपिन रावत ने बुधवार को एक बयान में कहा कि सेना को दो मोर्चों पर टकराव के लिए तैयार रहना होगा। एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए आर्मी चीफ रावत ने कहा था कि भारत दो विरोधी देशों से घिरा है। एक तो उत्तरी सीमा पर है (चीन) और दूसरा पश्चिमी सीमा पर (पाकिस्तान)। जहां तक हमारी पश्चिमी सीमा के विरोधी का सवाल है तो हम उसके साथ किसी समझौते की संभावना नहीं देखते हैं, क्योंकि वहां की राजनीति, जनता और सेना को यह समझा दिया गया है कि भारत उसके टुकड़े करना चाहता है। लंबे समय से छद्म युद्ध छेड़ दिया गया है। हमारा देश कब तक इस छद्म युद्ध को सहता रहेगा, कब फैसला करेगा कि बर्दाश्त की सीमा पार हो गई है और कब जंग शुरू हो जाएगी, इसके बारे में पहले से कुछ कहना मुश्किल है।
सेना प्रमुख बिपिन रावत ने बुधवार को एक बयान में कहा कि सेना को दो मोर्चों पर टकराव के लिए तैयार रहना होगा। एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए आर्मी चीफ रावत ने कहा था कि भारत दो विरोधी देशों से घिरा है। एक तो उत्तरी सीमा पर है (चीन) और दूसरा पश्चिमी सीमा पर (पाकिस्तान)। जहां तक हमारी पश्चिमी सीमा के विरोधी का सवाल है तो हम उसके साथ किसी समझौते की संभावना नहीं देखते हैं, क्योंकि वहां की राजनीति, जनता और सेना को यह समझा दिया गया है कि भारत उसके टुकड़े करना चाहता है। लंबे समय से छद्म युद्ध छेड़ दिया गया है। हमारा देश कब तक इस छद्म युद्ध को सहता रहेगा, कब फैसला करेगा कि बर्दाश्त की सीमा पार हो गई है और कब जंग शुरू हो जाएगी, इसके बारे में पहले से कुछ कहना मुश्किल है।
डोकलाम में दो महीने तक जारी था विवाद
दरअसल दो महीने पहले चीनी सैनिकों और भारतीय सैनिकों के बीच झड़प हुई थी। तब से वहां पर दोनों देशों की सेनाओं के बीच विवाद जारी थी। इसके बाद चीन ने कई दफा युद्ध की धमकी दी लेकिन भारत पीछे नहीं हटा। ब्रिक्स सम्मेलन से पहले दोनों देशों ने आपसी सहमति से विवादित इलाके से सेना हटाने पर सहमति जताई थी। तब जाकर विवाद शांत हुआ था।
दरअसल दो महीने पहले चीनी सैनिकों और भारतीय सैनिकों के बीच झड़प हुई थी। तब से वहां पर दोनों देशों की सेनाओं के बीच विवाद जारी थी। इसके बाद चीन ने कई दफा युद्ध की धमकी दी लेकिन भारत पीछे नहीं हटा। ब्रिक्स सम्मेलन से पहले दोनों देशों ने आपसी सहमति से विवादित इलाके से सेना हटाने पर सहमति जताई थी। तब जाकर विवाद शांत हुआ था।