भारत को एतराज
दरअसल, जिस क्षेत्र में चीन ने एक्सप्रेस वे निर्माण कार्य शुरू किया है, वह भारत के अरुणाचल प्रदेश की सीमा से लगा हुआ इलाका है। जिसको देखते हुए यह क्षेत्र सामरिक दृष्टि से भारत का अतिमहत्वपूर्ण इलाका है। इसलिए यह भारत की रक्षा चिंताओं को बढ़ाने वाला है। चीन की सरकारी समाचार एजेंसी शिन्हुआ के मुताबिक यह एक्सप्रेस वे चालू होने से पर्यटकों के खास आकर्षण के केंद्र दोनों शहर जुड़ गए हैं। समाचार एजेंसी की ओर से जानकारी दी गई कि यदि एक्सप्रेस वे के माध्यम से 80 किमी प्रति घंटे की गति से सफर करें तो ल्हासा से न्यिंगची के बीच की दूरी 8 की बजाए मात्र 5 घंटे में तय की जा सकेगी।
भारत के लिए बड़ी चुनौती
बता दें कि तिब्बत में चीन की ओर से सड़क निर्माण कार्य भारत के लिए एक बड़ी चुनौती है। चीन पहले से ही तिब्बत पर अपना अधिकारी जमा चुका है और भारत के अरुणाचल प्रदेश पर भी चीन अपना दावा करता है। वह अरुणाचल प्रदेश को दक्षिणी तिब्बत मानता है, जबकि भारत का कहना है कि विवाद अरुणाचल का नहीं अक्साई चीन क्षेत्र का है, जिसे चीन ने 1962 की लड़ाई में कब्जा लिया है। भारत को अपनी सीमा में तेजी से बुनियादी ढांचे का विकास करना होगा। चीन व भारत के बीच 3,488 किमी लंबी सीमा विवादित है। बता दें कि भारत और चीन के बीच डोकलाम विवाद भी सड़क निर्माण को लेकर ही शुरू हुआ था। भारत-भूटान और चीन ट्राइजंक्शन स्थित डोकलाम में चीन की ओर से सड़क बनाई जा रही थी। हालांकि यह क्षेत्र भूटान का हिस्सा है। ऐसे में भूटान से एक संधि के चलते भारत को उसकी मदद के लिए चीन का विरोध करना पड़ा था।