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चीन के आसमान में 2020 से होगा ‘नकली चांद’, वैज्ञानिक बोले-खतरनाक कदम

locationनई दिल्लीPublished: Oct 20, 2019 01:56:52 pm

Submitted by:

Shweta Singh

चीनी कंपनी ने एक साल पहले किया था इस योजना का ऐलान
अब अपने आखिरी चरण में है नकली चांद का काम

artificial moon in china

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बीजिंग। चांद पर छिपे रहस्यमयी राजों से पर्दा उठाने को लेकर हमेशा ही वैज्ञानिकों में उत्सुकता रही है। तकनीक के दम पर इंसान चांद से जुड़े हर तथ्य को जान लेना चाहता है। लेकिन, इसी बीच एक चौंकानेवाली खबर आ रही है। इसके मुताबिक, अब जल्द ही ऐसा होगा कि सूरज ढलने के बाद एक आर्टफिशियल चांद हाजिर हो जाएगा, जो किसी स्ट्रीट लाइट की तरह रोशनी देगा। सुनकर हैरान हो गए न आप। हालांकि, यह सच है और इसके पीछे कोई और नहीं बल्कि नकली सामानों के लिए मशहूर चीन का हाथ है।

चीन के आसमान पर नकली चांद

चीन एक तकनीक पर सालों से काम कर रहा है। संभवत: यह तकनीक 2020 तक पूर्णता इस्तेमाल में आ जाएगी। दरअसल, चीन एक नकली चांद को चीन के आसमान पर भेजने की प्लानिंग में है। इसके बारे में करीब एक साल पहले ही एक चीनी कंपनी ने ऐलान किया था। कंपनी के मुताबिक, इस चांद की मदद से चीन का आसमान हमेशा ही चांदनी रात से गुलजार रहेगा।

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अब अपने अंतिम चरण में है ये योजना

चीन के स्थानीय मीडिया रिपोर्ट में कुछ रोज पहले आई एक रिपोर्ट के मुताबिक, यह काम चेंगडु इलाके में स्थित एक निजी एयरोस्पेस संस्थान कर रही है। इस संस्थान के अधिकारियों ने कहा कि वे 2020 तक पृथ्वी की कक्षा में एक चमकदार सैटेलाइट भेजने की तैयारी में है। इसके बाद चीन में स्ट्रीट लाइट लगाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। अधिकारी ने बताया था कि पिछले कुछ सालों से इस योजना पर काम चल रहा है, जो अब अपने अंतिम चरण पर है। हालांकि अभी तक यह साफ नहीं कि इस योजना के पीछे चीन के सरकारा का हाथ है या नहीं। आपको बता दें कि चीनी कंपनी के इस खुलासे के बाद दुनियाभर के वैज्ञानिको में हड़कंप मच गया। सभी ने अलग-अलग तरह की प्रतिक्रियाएं दीं।

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इस तरह काम करेगा नकली चांद

रिपोर्ट में यह भी कहा गया था कि नकली चांद एक शीशे की तरह काम करेगा। यह सूर्य की रोशनी को प्रतिबिंबित कर धरती पर भेजेगा। अधिकारियों के हवाले से रिपोर्ट में बताया गया कि यह सैटेलाइट धरती से 500 किलोमीटर की धूरी पर स्थित होगा और असली चांद के मुकाबले 8 गुना ज्यादा रोशनी देगा। हालांकि, जरूरत के हिसाब इसे एडस्ट भी किया जा सकेगा। बता दें कि लगभग इतनी ही दूरी पर अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन (ISS) भी स्थित है।

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बचेंगे स्ट्रीट लाइट के पैसे

चेंगडु एयरोस्पेस के अधिकारियों की मानें तो इस योजना का सबसे बड़ा मकसद पैसा बचाना है। अधिकारी ने बताया कि इससे स्ट्रीट लाइट पर आने वाला बचेगा, क्योंकि इसके मुकाबले यह चांद सस्ता पड़ेगा। रिपोर्ट में लिखा गया है कि नकली चांद से 50 वर्ग किलोमीटर के इलाके में रोशनी होगी। इससे हर साल बिजली में आने वाले खर्च में करीब 17.3 करोड़ डॉलर बचाए जा सकेंगे। अधिकारी ने कहा कि नकली चांद, प्राकृतिक आपदा जैसे स्थितियों में भी ब्लैक आउट होने से बचाएगा। उस समय भी यह नकली चांद रोशनी देगा।

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वैज्ञानिकों सता रही है ये चिंता

हालांकि, दुनियाभर के वैज्ञानिक इस बात से इत्तेफाक नहीं रखते। कई वैज्ञानिकों ने इस कदम पर चिंता जाहिर की है। कुछ लोगों का कहना है कि इस चांद के कारण निशाचर जानवरों पर असर पड़ेगा। वहीं, कई ने इस चांद के कारण रोशनी से जुड़े प्रदूषण में बढ़ोतरी पर चिंता जताई।

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